मुलाकात पहली को क्या वो भी राह तकती होगी?
जितना मैं बेताब हूँ, क्या वो भी उतनी बेसब्र होगी?
सखियों को कह के आएगी या छिपते छिपाते आएगी,
देगी वो वक़्त का हवाला या पूरे दिन मेरे साथ रहेगी?
मिलेंगे क्या ओट पेड़ की या बहाना होगा कोई देखेगा,
हया से सिमटी होगी या सरेआम गलबहियां होगी?
देख मुझे वो शर्माएगी या लपक कर गले लगाएगी,
सट-सट के बैठेंगे या दरमियां गज भर की दूरी होगी?
कहते कहते रुक जाएगी या बार बार पहलू बदलेगी,
बार बार दुपट्टा संभालेगी या बहाना बात की तलाशेगी?
झुकी नजरें इकरार करेगी या खत के जरिये हाँ करेगी
या कंधे पर सर रख के कुछ न कह के सब कह देगी?
फूल गुलाब का दूंगा तो क्या वो बालों में लगवाएगी,
या बनाएगी याद मिलन की तो किताब में रख लेगी?
बाद मुलाकात के क्या वो बोझिल कदमों से जाएगी,
या पलट पलट के देखेगी या आँखों मे नमी आएगी?
होंगे हम एक छत के नीचे या मुलाकात आखरी होगी,. _राज सोनी
किस्से में दफन जाएंगे या याद 'राज' की उसे आएगी?-
पहली बार कब कैसे कहां मिले, यह मुझे कुछ याद नहीं,
बस, इतना ही इल्म है की रात बीती करवट बदल बदल के!-
कितना सुकून मिलेगा
इस दिल को हमारी उस पहली
मुलाक़ात में,
दिन जो गुज़र रहे हैं गिन-गिन
तुम्हारे इंतजार में...-
बहुत खुश हूं आज
वो मेरे साथ थी
बहुत धीमी आवाज
में उसने बात की
दिल ने महसूस किया
उसके भोलेपन को
बहुत सहमी हुई सी
उसकी आवाज़ थी
मेरे दिल में उसके
लिए बहुत प्यार है
उसके लिए सब कुछ
करने को तैयार है
उसके बिना जीना
अब बेकार है
बहुत मासूम है वो
जो मेरे दिल के पास है
दूर नहीं रहना उससे
मुझे जीना अब उसी के साथ है-
【पहली मुलाकात】
💕हम उनसे पहली बार मिले💘
और🤔😇
❤️दिल ने चाहत की यह मुलाकात हर रोज हो💑-
मिलेंगे जो हम और तुम कभी तो निगाहों में निगाहें डाल बातें करेंगे,
क्योंकि,
मैंने सुना है लफ्ज़ों से कई बार लोग रूठ जाते है।-
जब देखा तुझको पहली नजर तो देख कर मैं हैरान हुआ,
इस दिल पर मेरे बस ना रहा तभी यह तेरे नाम हुआ,
तेरा वो मुस्कुराता हुआ चेहरा मुझे जब भी याद आता है,
इन सर्द अंधेरी रातों में जागने की वजह बन जाता है,
तेरी वो झुकी हुई सी नजर एक भोलापन सा लगती थी,
लेकिन वो झुकी हुई पलके भी लाखों सवालात करती थी,
तू बन जाएगी खास इतनी ना पहली नजर में एहसास हुआ,
अब तो ये आलम ऐसा है तुझे देखे बिन ये दिल उदास हुआ,
मुझे खुद को भी मालूम नहीं इतना कैसे यूं लगाव हुआ,
मेरी इन भटकती राहों में अचानक से यूं ठहराव हुआ,
तुझको उदास करने से पहले खुदा एक बार तो सोचेगा,
तेरे रोने से पहले ही दिल कोई और भी रो देगा,
बस एक गुजारिश रब से है चाहे वो हमें मिलाये नहीं,
लेकिन किसी भी हालात में मेरी वजह से तुम्हें रुलाए नहीं,-
वो पहली मुलाकात आज भी याद है मुझे..
उस रात हुई सारी बात याद है मुझे!
रह गईं हैं कुछ शिकायतें दिल में..
क्यूंकि तेरे दिये हुये हर ज़ख़्म याद हैं मुझे!-
पहली मुलाकात में हमने सदियां गुजारी थी
चंद लम्हों में लगा मानो जन्मों की यारी थी
सुलझा सा बदन कद काठी उसकी भारी थी
भारतीय परिधान जिसमे ढकी हुई सारी थीं
पंखुड़ी जैसे होंठ और बत्तीसी बड़ी प्यारी थी
सुराही सी नाक जिसपर नथ ने जान वारी थी
लाजवाब झुमके जिनकी कानों से यारी थी
नशीली सी आँखे और पलकें कारी कारी थी
मानो हुस्न में उसके मेनका की अदाकारी थी
वो बेइंतहा खूबसूरत ख़ुदा की चित्रकारी थी
लहजा लचीला उसकी बातें न्यारी न्यारी थी
शब्दों के लिफाफे खाली मगर बातें जारी थी
कपिल पहली मर्तबा दिल की बाजी हारी थी
वर्ना नजरों के खेल में हरबार बाजी मारी थी-