जीतना तो होगा ही,
इस बार रोने को तेरी पनाह न है।-
Nature lover🌱🌲
16 Oct 🍰🎉✨
"We write to taste life twice, in th... read more
बदला सबकुछ यादें ना बदली,
मुझे परेशान करतीं तुम्हारी बातें ना बदली,
हमें साथ देखने वाली बरसाते ना बदली,
हर पल तुम्हें ढूंढ़ती मेरी निगाहें ना बदली।
बदला सबकुछ ,,,,,सबकुछ ।-
वो जागते रहती खुद,, पर
मुझको सुलाती वो,
बेचैन होता मेरा दिल,, पर
मेरे बाल सहलाती वो,
मै बताना चाहता सब,, पर
मुझे चुप कराती वो,
मैं बैठना चाहता थक कर,
मुझको चलाती वो,
मैं देखता रहता खुदको
मुझे देख मुस्कुराती वो।
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हमारी परेशानी को समझो तुम
आंखो के पानी को समझो तुम।
तुम ज्ञानी हो, सब समझते हो
मुझ अज्ञानी को समझो तुम।
प्रेम को तो सभी समझते
प्रेम दीवानी को समझो तुम।
मैं तो सिर्फ प्रेम समझती
लाभ हानि को समझो तुम।-
किसी को अपना सब कुछ देकर,
उससे अपने वजूद कि भीख मांगना
भी कमाल का एहसास होता है ना।-
उसके होंठ खुलते नहीं,
थोड़ी थोड़ी देर में वो खांसती,
बिंदी जैसे उसका वो गहना,
जिसको छूने पर वो डांटती।
सारी हरकतें जैसे हो बुढ़िया,
छोटी सी वो प्यारी गुड़िया।-
पलकों के गिरते ही सामने नजर आती तुम,
गोद पर रखकर मेरा सिर सहलाती तुम,
दरवाजे पे कमर में हाथ रख मुझको डराती तुम
मैं लाख भागूं दुनिया से ,
पलट कर देखूं तो नजर आती तुम।😥-
यूं तो हर वक्त कहा था तुमने,
कि तेरे पास हूं।
मिलोगी क्या मुझसे,
अगर कहूं उदास हूं।-