कुछ हक़ीक़त कुछ अधूरे ख़्वाब से हो तुम
कभी दिन कभी शाम तो कभी रात से हो तुम
तुम बिन बेवज़ह ही है ये साँसें मेरी
कि कड़कती धूप में बरसात से हो तुम!
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A woman full of self respect and gratitude.....
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️... read more
सब कुछ भूलकर अब सिर्फ़ तुम्हें याद रखतीं हूँ
अकेले में भी बातें अब तुम्हारी करती हूँ
हर पल ढूंढ़तीं हैं मेरी नज़रें तुम्हें हर तरफ़
अब तो ख्वाबों में भी तुमसे मिलने
की फरियाद करती हूँ।
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2024 के साथ हर उस चीज़ और हर उस शख़्स को अलविदा जिसने मुझसे मुझको ही छीन लिया.
(अलविदा)-
अब उस शख़्स के मुहब्बत
का क्या अंदाज़ा लगाऊँ
जिसने अपनी हर पसंदीदा
चीज़ छोड़ी है मेरे लिये.!-
कुछ अधूरे ख़्वाब पूरी हक़ीक़त
से भी खूबसूरत होतें हैं
जैसे तुम और सिर्फ़ तुम.
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कभी भूल तो सकती नही मैं तुम्हें
पर छोड़ तो सकती हूँ ना
मिल तो सकूँगी नहीं मैं तुमसे
पर सोच तो सकती हूँ ना.!
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इस नये वर्ष से दूसरों की नहीं
स्वयं की कमियां को ढूँढ कर
उसको दूर करने का प्रयत्न करना है.!-
तू मेरी खामोशियों को उधार रख ले
दिखतीं हैं मुझमें कमियाँ तो तू
मुझसे सवाल तमाम कर ले
अब लौटना नहीं है गवारा
तेरी राहों में फ़िर से मुझे
चाहे तो तू मुझसे कसमें हज़ार ले ले.!
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तेरे कुछ लफ़्ज़ों पर ठहर
जाती है ज़िंदगी मेरी
मेरी हर बेचैनियों का सबब तू है
मिलतीं कहाँ हैं इश्क़ में उचाईयां सबको
मेरी आँखों के हर आंसूओ का सबब तू है.!
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तुम्हें सोचकर भी अच्छा लगता है
ज़रूरी नहीं कि सामने ही रहो तुम
मेरे लबों की हँसी, गालों की लाली हो तुम
दिल चाहता है कि बस अब दिल में ही रहो तुम.-