दूरियों को नजदीकियाँ दिखा के जला आता हूँ,
फ़िर तन्हाई में बैठकर अकेला, खुद पर हँस आता हूँ।
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दिल की डोर अगर बंधी हो दिल से
बात चाहे हो ना हो हर रोज क्या फर्क है ,
फ़ासले चाहे कितने भी क्यूँ ना बढ़ जाए दरमियाँ
निभाने की चाहत हो तो दूरी भी नजदीकी लगती है ।-
दूर जरुर है वो,
फिर भी दिल के करीब है वो,
जहां भी है जैसा भी है मगर
मेरे दिल का इकलौता हकदार है वो...-
कभी किसी के पीछे मत भागो
क्योंकि
तुम जितना किसी के पीछे भागो गे
उतना ही खुद को उस शख्स से दूर पाओगे
अगर किसी के करीब रहना चाहते हो
तो कुछ फासले जरूरी है
ओर ये फासले ही आपको
उस शख्स के सबसे करीब रखते है
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तुम्हें पाकर तो खो देने का डर ही मिलेगा
सो दूर रहूंगा तुमसे! के प्यार हमेशा रहेगा!-
"दूरी" चाहें जितनी बना लो
पर ध्यान रहे फिर "नज़दीकियों को पनाह" ना मिले.....-
मुझ जैसा ढूंढने चले हो, मिल जाए कोई मुझसा, तो मुझे भी बताना।
मैं भी तो देखू ज़रा, जिस तरह मैने तुझे चाहा, कोई और चाह सकता है क्या।
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Status lagana bhi ek problem hai,
Lagate kisi ke liye hai 🙄,
Feel koi or krta hai,
Aur send me wale alag
Hi aa jate hai....-
दूरियों का सबब हमने भी देखें है कई मगर,
फासला कहां तय करती है मुहब्बत का मुकाम।।-
क्यों होते हैं फासले ,नजदीकीयों के बाद
क्या फासलों के बाद ,नजदीकीयां नहीं हो सकतीं
जैसे मृत्यु होती है ,जन्म के बाद
और जन्म होता है ,मृत्यु के बाद???-