अब वह निरन्तर दौड़ता है, थकता है , फिर दौड़ता हैकिसी को पाने को नहीं, रिझाने को नहीं बस दौड़ने को ।। -
अब वह निरन्तर दौड़ता है, थकता है , फिर दौड़ता हैकिसी को पाने को नहीं, रिझाने को नहीं बस दौड़ने को ।।
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बहुत सजाता है वो आशियानों को उमिद्दों में हर दिनफिर एक दिन आग लगती है और सब उजर जाता है।। -
बहुत सजाता है वो आशियानों को उमिद्दों में हर दिनफिर एक दिन आग लगती है और सब उजर जाता है।।
चेहरे से मुहब्बत तक कि बात होती तोह मसला न था,बात रूह की थी और रूह कभी गलत नहीं होता।। -
चेहरे से मुहब्बत तक कि बात होती तोह मसला न था,बात रूह की थी और रूह कभी गलत नहीं होता।।
कोई बिखर कर भी मुस्कुराए तोह बड़ी बात हैयहां तोह हर छोटी बात पे रोने वाले बैठे है ।। -
कोई बिखर कर भी मुस्कुराए तोह बड़ी बात हैयहां तोह हर छोटी बात पे रोने वाले बैठे है ।।
कतारों में होंगे लाखों खड़े आशिक़ तेरे इंतज़ार में बेशक ,यहां कतरा भर इश्क और एक झलक तेरी काफी है उम्र गुजारने को ।। -
कतारों में होंगे लाखों खड़े आशिक़ तेरे इंतज़ार में बेशक ,यहां कतरा भर इश्क और एक झलक तेरी काफी है उम्र गुजारने को ।।
तुम मन मंदिर के कोने में दिए जलाए बैठी हो,मै पागल गंगा के तीरे नजर बिछाए तुझे ढूंढ रहा।। -
तुम मन मंदिर के कोने में दिए जलाए बैठी हो,मै पागल गंगा के तीरे नजर बिछाए तुझे ढूंढ रहा।।
चार दिन के जिंदगानी से एक उम्र चुरानी हैउम्र के दो पल खामोशी से तेरे साथ बितानी है।। -
चार दिन के जिंदगानी से एक उम्र चुरानी हैउम्र के दो पल खामोशी से तेरे साथ बितानी है।।
इतना खामोश हो जाऊं की कोई शोर सुनाई न देरात इतनी गहरी हो कि दूर तक भोर दिखाई न दे ।। -
इतना खामोश हो जाऊं की कोई शोर सुनाई न देरात इतनी गहरी हो कि दूर तक भोर दिखाई न दे ।।
"हंस के बात" टाल देती तोह फिर भी ठीक था,"बात" टाल के हंस देने का साहस कहां से लाती हो!! -
"हंस के बात" टाल देती तोह फिर भी ठीक था,"बात" टाल के हंस देने का साहस कहां से लाती हो!!
जहां से चले थे फिर वहीं को पहुचनें लगे हैं,तेरा मेरा मिलना कुछ पल, इत्तेफाक भर था ।। -
जहां से चले थे फिर वहीं को पहुचनें लगे हैं,तेरा मेरा मिलना कुछ पल, इत्तेफाक भर था ।।