अग्नि को मान साक्षी
तैतीस करोड़ देवताओं उपस्थिति में
जो कहानी शुरू की थी
वो कहानी अभी अधूरी है
कितने भी जन्म लगे
उसे तो पूरा ही करना है
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देवभूमि उत्तराखंड:
जहाँ प्रकृति की सुंदरता और देवताओं की कृपा एक साथ मिलती है।-
प्याज ओर लसन
भगवान को क्युं चढ़ाया नहीँ जाता
अनुशीर्षक में प्रस्तुत किया है-
'पवित्र' जैसे, वो 'पारिजात' हो...!
'धुन' ऐसी, 'बाँसुरी' साक्षात् हो.. !!-
हाथ जोड़🙏विनती है सृष्टि के ,
सभी देवी देवताओं से ...
जीवन के हर संकट को तो हर नहीं सकते ,
पर बचा लो मुझे इन किताबी परीक्षाओं से...😣🙏-
।।पूर्णाहुति।।
"कैसे न माने अपने पूर्वजों को हम सर्वश्रेष्ठ,
जग छूट जाने पर भी पूजनीय रहें हर जेष्ठ।
वो कर्ज हमसे आख़िरी साँस तक न उतरेगा,
पितृ पक्ष की पूजा से ही उनका तर्पण होगा।
संस्कृति निभाईए , संक्षिप्त होते चले आरी।
जीवित माँ-बाबा पूज्य हैं,याद रहे जिम्मेदारी।
थमकर सोचो ये आत्म विश्लेषण की है बारी।
जीवहीन होने पर पूर्वज तर्पण के अधिकारी।
गौ,श्वान और काग का हिस्से, मिलता आशीष,
पुरखों का नित स्मरण करके झुकाए हम शीष।"-
चरम शरद कुहासे में प्रेम भाव प्रवाल पर होता है।
कई ऋषियों मुनियों देवताओं ने प्रमाणित किया है।-
मुजे किसीने बताया,की आपके बारेमे वो लोग पीछे से आपकी बाते कर रहे थे।
हमने कहा, दोस्त जो पीछे से बात नही करते वो लोग नही होते,देवता होते है।और क्या हमने कभी देवताओं को देखा है?हम सब देवताओं की दुनियामे नही लोगोकी दुनियामे ही जी रहे है।अगर वो यह नही करेंगे तो वे लोग कैसे कहलायेंगे?-
इसलिए संपत्ति देखकर उसको ठिकाने लगा दिया जाता है।
क्योंकि देवता फोन कॉल्स पर हैं ही सब संभालने के लिए।
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