क्या आप उदास हो.........
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त्योहारों से ना जाने मैं क्यों घबरा जाता हूँ ,
जब भी खुशियाँ आती हैं , मैं दुखी हो जाता हूँ !
( पूरा लेखन अनुशीर्षक में पढ़ें 👇 । )
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कभी कभी ज़िन्दगी में कुछ हादसे ऐसे हो
जाते है कि लोग जीना ही भूल जाते है ।
पर ऐसे रहने से दुख कम कैसे होगा!!
दुख को दूर किया जाता है सुख के द्वारा ।-
ख़ुदा बन बैठे हो क्यूँ, जब तुम्हे 'ना' साथ निभाना आता है
हँसी क्या, ख़ुशी क्या, तुम्हे तो सिर्फ़ 'हमें' रुलाना आता है
पाक मन वाला हर कोई तड़पता रहता है यहाँ
तुम्हे तो सिर्फ़ 'नापाकों' का साथ निभाना आता है
कभी तो कोई बात बने, कभी तो सुख की छाँव मिले
तुम्हे तो सिर्फ़ दुखियारे को 'और दुखी' बनाना आता है
टेढ़ी चालें चलकर, हुक्मरान बन बैठे हैं सभी
'सीधा चलने वाले' को, हर किसी को गिराना आता है
किससे गिला करेगा, किससे शिक़वा करेगा 'सागा'
जब ख़ुद 'ख़ुदा' को ही, केवल ग़रीब को दबाना आता है
- साकेत गर्ग 'सागा'-
बेटा अपने ठिकाने को अब घर नहीं कह पाता,
पर
बेटा अब हर रोज़ अपने घर भी नहीं आ पाता ।-
मायूसी एक ऐसी लत है
जिसको लग जाए तो
वो खुशी में दुख ढ़ूढ़ता है।-
हाल-ए-दिल बयां करूँ कैसे,
कोई मुझसे ज़्यादा सुखी है,
कोई मुझसे ज़्यादा दुखी है।
हाल-ए-दिल बयां करूँ कैसे,
कोई मुझे देखकर सुखी है,
कोई मुझे देखकर दुखी है।
हाल-ए-दिल बयां करूँ कैसे,
मेरा अपना दिल कभी सुखी है,
मेरा अपना दिल कभी दुखी है।
हाल-ए-दिल...बयां करूँ कैसे?
- साकेत गर्ग-
बिछड़कर वो दुखी हैं,
मैं भी दुखी हूं बिछड़कर,,
फिर एक दूजे से मिलने का कौन करेगा प्रयास,,
अगर कुछ दिन और रहेगा ऐसा ही हाल,
तो फिर जिंदगी हमेशा के लिए हो जाएगा उदास।।-
दूसरों की जिंदगी देखकर
हताश होने वाले
अक्सर दुखी ही रहते हैं
जो खुद की जिंदगी देख ले
दूसरों की नजर से
अक्सर सुखी वही रहते हैं
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