देख आपकी झलक सुहावनी,
पतझड़ भी खिल जाते हैं।
जिनका एक दरश पाकर के,
पत्थर भी तर जाते हैं।
धन्य-धन्य
हम सब जीव जगत के,
जो "गुरु" आपसा पाते हैं।
- R.J.-
मृत्यु सानिध्य में,
प्रेम दीक्षा पा ली मैंने,
लाख जतन हैं अब,
मृत्यु पाने में........!-
जो जगाए नई आस,
और मिटाए ज्ञान की प्यास,
सिखाए नई रितभात,
और कहे सब सच्ची बात,
वह गुरु हे,
जो पढ़ाए जीवन शिक्षा,
और दे हमें ज्ञान की दीक्षा,
मिलाएं परम तत्व को,
और समझाए अपने सत्व को,
वह गुरु हे।-
उनका कहना है हम उन्हें याद नहीं करते,
कहीं हम उन्हें भूल तो नहीं गये...
कोई समझाये उन्हें,
वो मेरी जिन्दगी का हिस्सा नहीं, मेरी जिन्दगी है,
कोई Physics का Chapter नहीं जो हम भूल जायें.....-
कोई अगर चाहे मिटाना
ये भेदभाव मजहब का तो आसान है
नहीं तो दरिया लहू का
अब भी बहना बाकी है....-
वो तुम्हारे और मेरे बीच के
शून्य में जो था तरंगित
बहुत गहरी थी छुअन उसकी
किन्तु था सब कुछ अस्पर्शित
उसी कोमल भाव की स्मृति शेष
हृदय में अनुभव नए कुछ बो रही हैं
शब्द गूंगे पड गए हैं किन्तु ये आंखें
मौन अपना खो रही हैं ।-
तुम्हारे लिखे शब्द बयां कर रहे थे प्यार के लफ्ज़
अफसोस,
तुम बयां नहीं कर पा रहीं थी
सीधे तौर पे।-
फिर से होगा चांद पूरा, फिरसे पुनम की रात होगी!
चलो उम्मीद करते हैं उस रोज़, हमारी फिरसे मुलाकात होगी....!-
दिया अलौकिक ज्ञान का प्रकाश |
करे प्रज्वलित हम धरती आकाश ||-
मुश्किल हो जाता है
जब कोई अपना साथ छोड़ जाता है,
उम्र भर साथ निभाने का वादा करके,
बीच सफर में हाथ छोड़ जाता है।
वक़्त कैसे बदल जाता है,
जान जान कहने वाला अचानक,
मुँह मोड़ जाता है।
सच जीना कितना ,,मुश्किल हो जाता है,
जब कोई अपना साथ छोड़ जाता है।।-