'बे-हिसाब' मोहब्बत का कुछ यूँ हिसाब हुआ
तर्क मिले तोहफ़े में तानों से इस्तक़बाल हुआ
- साकेत गर्ग 'सागा'-
ताना मारना यानी रिशतों को तोड़ना..
यदि नाता तोड़ना हो तो ताना मारिये..
रिश्ता बनाये रखना हो तो ताना नहीं मारिये..!!-
शोहरतो पे मेरी तुम ताने बहुत मारते हो
क्यों नहीं तुम भी मक्खन लगाना सीख लो।-
वह हर रोज मुझे ताना देती है,
पहले भूख मार देती है, फिर खाना देती है।-
ताना देती है.....
जब पिया न समझे प्रीत तेरी
भला कैसे होगी जीत तेरी
दुनिया की हर चीज
मुझको ताना देती है ।
जब अँखिया मेरी रोती हैं
सपनों को भिगोती हैं
फिर बहती कजरे की धार
मुझको ताना देती है ।
जब भी झुमके पहनूँ मैं
चूड़ी उलहना दे मुझको
पायल की हर झंकार
मुझको ताना देती है ।
जब घनघोर घटाएँ छाती हैं
मदहोश समा हो जाता है
अम्बर से गिरती हर बूंद
मुझको ताना देती है ।
बैरन रातों में यादें डसती
चाँद नज़र जब आता है
नींद से बोझल पलकें तब
मुझको ताना देती हैं ।
राख हुई जाऊँ जल जल
विरह की अग्नि में पल पल
जलती मेरी हर सांस तब
मुझको ताना देती है।
कैसे समझाऊँ तुझको पिया
प्रेम की पराकाष्ठा अपनी
हर सखी देखकर मेरा हाल
मुझको ताना देती हैं ।। Dhra singh-
इंसान जब अन्दर से टूट जाता है
तो बाहर से खामोश हो जाता है ...
बुरा वही बनता है जो अच्छा
बनकर टूट जाता है ...
वक्त वक्त की बात होती है
जो सुन सकता है वो
सुना भी सकता है ...
इंसान तलवार से नहीं
ताने से मर जाता है ...
जहर मरने के लिए थोड़ा और
जीने के लिए बहुत सारा पीना
पड़ता है ।।।-
इतनी तारीफ़े सुनना चाहती हूँ..!
के, कोई ताना मारे तो भी तारीफ़ ही लगे..!
😛🙊🙈-
"औरत"को हर वक्त कम अक्ल के तानें देनें वालें लोग"औरत" की जरा-सी अदा पर अपनी सारी अक्ल खों देतें हैं!!
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लोग दे रहे हैं ताना मुझे खुद गर्ज़ होने का
वो यह क्यों भूल गए कि यह अदा मैंने उनसे ही सीखी है-
ताना
ना जानें तानों का सबको शौंक क्यूं हैं
हर जगह मचा इसका शोर क्यूं हैं?
वैसे तो कुछ ना देती दुनिया
पर ये देते क्यूं ना थकती दुनिया??-