वो वक्त दूसरा था जब हमारी आंखों में भी नशा होता था
आपकी इनायत है कि आज अश्कों के सिवा कुछ भी नहीं-
मुझे तेरी ज़रा सी भी जुरूरत हो नहीं सकती
मैं चाहूं भी तो अब तूझसे मोहब्बत हो नहीं सकती
है तोड़ा जिस तरह तूने मेरे इस दिल को
अब दुबारा इसकी कभी मरम्मत हो नहीं सकती
मेरे ऐतबार का मेरा ही खुदा कातिल निकला
अगर करना भी चाहूं तो अब इबादत हो नहीं सकती
खफ़ा ख़ुद से ही हैं हम किसी और से क्या हों
हमें किसी और से कभी शिकायत हो नहीं सकती
कि गुज़रे हैं जिस तरह के हालातों से हम
अब इससे ज्यादा बुरी अपनी हालत हो नहीं सकती-
एक उम्र गुज़र गई हमें मिला कुछ भी नहीं
ऐ ज़िंदगी कैसे कह दूं ,तुझसे गिला कुछ भी नहीं-
ये रोग अब दिल से और पाला नहीं जाता
चले आओ की अब दर्द हमसे संभाला नहीं जाता-
चलो हज़ार गलतियां माफ़ की तुम्हारी
तुम एक बार कहो तो सही गलती हमारी थी-
हम मरे तो नहीं सबकी नजरों में तुझसे बिछड़ने के बाद
मगर जिंदा भी नहीं रहे फिर नजरों में अपनी-
बेशक पागल घोषित कर देना उस दिन मुझे जिस दिन मैं उसको भूल जाऊं
क्योंकि होश में रह कर तो हमसे ये काम किया न जायेगा-
मेरे आंसू तुम तक नहीं पहुंचे.....
रोए हैं टूट कर भीगी पलकों से मुस्कुराए,
तुम हर वक्त इतना याद आए,
देख न ले कोई बहते हुए अश्क मेरे पता नहीं किस किस तरह से छुपाए
भर आती हैं हर बात पर जिसके लिए मेरी आंखें
सितम तो देखो कभी उसी से कह न पाए
जो याद रहता हर सांस को मेरी
जरा बताओ उसे किस तरह हम भुलाए
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जन्मदिवस की ढेरों शुभकामनायें🌹🌹🎉🎉🥰🥰🥰🎂
ईश्वर आपकी खुशियों में दिन रात वृद्धि करे🥳🥳🥳
आप स्वस्थ्य रहें और हर शुभ कार्य में सफलता प्राप्त करें 🤩🎉🎉🎉🌹🎉🥰🥳🥳🎉🎉-
तुमको मजबूर कहूं या मगरुर कहूं
दोनों हालातों में दिल तो मेरा ही टूटता है-