मेरे आंसू तुम तक नहीं पहुंचे.....
रोए हैं टूट कर भीगी पलकों से मुस्कुराए,
तुम हर वक्त इतना याद आए,
देख न ले कोई बहते हुए अश्क मेरे पता नहीं किस किस तरह से छुपाए
भर आती हैं हर बात पर जिसके लिए मेरी आंखें
सितम तो देखो कभी उसी से कह न पाए
जो याद रहता हर सांस को मेरी
जरा बताओ उसे किस तरह हम भुलाए
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