शेरों शायरी में बड़े खिलाड़ी हो तो कोई बड़ी बात नहीं,
जीवन क्षेत्र में खिलाड़ी बन जाओ तब कहना हम कुछ है ।-
कर लेता एक कोशिश और,
गर जज्बातों ने दम ना तोड़ा होता,
लड़ लेता एक दफा और,
गर तकदीर ने यूं मुख ना मोड़ा होता,
अब तो संजोए हर ख्वाब,
बिलख कर बह रहे हैं नयन नीर में,
जाग उठता गर जीवन में,
नव बिहान का आसरा ना छोड़ा होता!!-
जानते हो.....
ये रास्ता किधर जाता है,
वहीं से जहां से...!
तुम्हारा साथ निभाने वाला
साथी आता है,
लेकीन...!
ये तो वक़्त ही बताता है,
कि कोई
आता भी है हमारे जीवन में,
या
केवल हमारा भ्रम ही हमें
कुछ अपने पास होने का अहसास दिलाता है।।
🌸शिवानी गुप्ता ✍️-
एक मंज़र
जब बहता चला आता है विनाश बनकर
स्वयं में विलीन करने को ...
पड़ती है उमड़
प्रकृति
बस्तियों की ओर तीव्र गति से ...
हो आतुर
अपनी ही वरदान स्वरुप दी हुई
आश्रय स्थलियों को विखंडित करने को ...
टूटता है कहर
उस एक पल ...
बेआसरा हो जाता मनुष्य अगले ही क्षण ....
तब
सूखे हलक
मांगते हैं दुआएं बारिश के रुक जाने की ...
और
देहें बेघर
लगाती हैं अर्ज़ियाँ
सूरज के जल्दी निकल आने की ....-
चाहिए चाँद के चाँदनी तो सूर्य के ताप से भी जलोगे।
कभी शान्त होंगे बर्फ सा, कभी उसी बर्फ सा गलोगे।
वक़्त भी साथ देगा वक़्त पे, जब तुम वक़्त पे ढलोगे।
मंजिले कदम तभी चूमेंगी, जब अनवरत तुम चलोगे।-
मुक्त तो नहीं
पर हो सकता हूँ मुक्त
"पर"का त्याग करुँ तो...
पिंजरा लोहे जंग का,
कंचन का
तन का,मन का,जन का
बेड़ी कोई भी हो तोडूँ,
"निज"का वरण करुँ तो
ज़मीं से आसमां दूर कितना कहो तो!!
6.4.22-
जीवन मात्र संघर्ष ही नहीं है-
एक खूबसूरत प्रेम में होने की इच्छा
और अपने प्रगाढ़ प्रेम के खोने का डर-
भी जीवन को जीवन्त करता है-
भोलेनाथ की कृपा रही,तो सब जल्द ही ठीक हो जाएगा।
तू उदास न हो बंदे,तेरी आशा की किरण से उजाला जरूर आएगा।।
🙏हर हर महादेव🙏-
दो घूंट स्वाभिमान के आज पीलो
कब तक बंधनो में ही जकड़े रहोगे
जीवित हो,यदि स्वाधीनता धारण करोगे
पीना छोड़ो विश्राम की मादक मदिरा
है समय उठने का, थामो अश्रु सरिता
सुख सपनों को मत तोड़ो अब तुम
जी बहलाकर जीते रहना छोड़ो तुम
जीवन संग्राम की इस मधुशाला में
दो घूंट स्वसंग्राम के तुम आज पीलो
हो संघर्ष कितना भी, तुम लड़ते जाओ
कर्म करो निरंतर,बस आगे बढ़ते जाओ
— ऋजीषाहम्_♥-
बंजर भूमि में पड़ा बीज भी अंकुरित आज हो गया,
पानी, धूप एवं पोषण प्रकृति से लेकर खिल जाते है,
मुश्किलें, रूकावटें तो जीवन में हर पल आनी ही है,
अंधेरे के बाद सूर्य का प्रकाश तो जरूर बिखरना है।-