था वो रिश्ता ढीले चप्पल की तरह,
संभला नहीं घसीटना ही पड़ा मुझे,
तर्क ये मिला के आदत पड़ जाएगी,
मगर वो ज्यादा चला ही नहीं मुझसे।-
इश्क निषेध है ...
...इसका मुझे खेद है...
फिर भी कोई जबरदस्ती ना करे ...
..क्योंकि मेरे दोस्तो ...
जबरदस्तीयाॅ अवैध है😂😂😂😂
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"जबरदस्ती"
अच्छी सूरत, न...न गेहूआं
रंग भी चलता है। उम्र तो..
उसकी आंखें देखती ही नहीं।
ताकतवर वो लोग...टूट पड़ते हैं
जबतक हिम्मत और ताकत रहती है
वो...ख़ुद के लिये लड़ती है
एक समय बाद...शक्ति जवाब
दे जाती है। आखिर...उस लिबास
के चर्र की आवाज़ से रुह के भी
चिथड़े हो जातें हैं....
कविता कैप्शन में....-
मेरा दिल तेरी कैद था
तुझे आज अपने दिल से रिहाई दे दी
अब जाकर किसी और के साथ बसा ले जहान अपना
जा... मैंने तोहफ़े में तुझे जुदाई दे दी..!!-
बचपन रहता है मस्त
जवानी रहती है व्यस्त
बुढ़ापे से सभी त्रस्त
फिर जीवन होता है अस्त
हो जा तू भी अभ्यस्त
जबरदस्ती जी ले इसे
या बना ले जबरदस्त-
बरसात का मौसम है बादल बरसे है
यूं ज़मी का भीगना उसे जबदस्ती लगता है
मिट्टी को हो गई है मोहब्बत आश्मा से
यूं पहाड़ों का बनना उसे जबरदस्ती लगता है-
"नहीं जानते थे,के ये प्यार नहीं दिखावा हैं तुम्हारा
जिन रिश्तो को हम प्यार से निभाते जा रहे थे
वही रिश्ते तुम्हारे लिये घुटन बनते जा रहे थे।"।-
इश्क़ में खुद को लुटाना पड़ता है,
जबरजस्ती हासिल करना दीवानगी नहीं होती,
आंखों में शर्म और इज्जत होनी चाहिए,
महज़ जुल्म करना ही तो मर्दानगी नहीं होती..-
जरूरी नहीं❌ तुम मुझसे हर वक्त⌚️ बात करो😣
लेकिन जितने भी करो💏 प्यार के साथ करो😓
कभी ऐसी बात ना❌ करो जैसे मुझसे कोई एहसान करो😕
प्यार करना💏 है प्यार से💏 करो वरना ये जबरदस्ती के रिश्ते👫
से मुझे माफ करो🙏🙏-