उन्नति वहीं से है तेरी जिस जगह तेरा सर झुक जाए
मातापिता के चरणों में सर झुकना सजदा से कम नही-
सुनो न...
करूं जो बंद आंखें तो तेरे होने का अहसास है
तेरे इश्क़ में जी रही हूँ
अब तेरे रंग में रंगने की आस है
जहाँ थम जाए मेरी हर शाम तेरी ही बांहों में...
मुझे तो बस उस जन्नत की तलाश है
💓💓💓-
मिट जाये बस ये ज़िन्दगी इश्क़ में,
बाद मौत के वो जन्नत सोच रहे है ।
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मरने के बाद भी तुम्हारे दिल में रहूंगी...
भला जन्नत छोड़ के जहन्नुम क्यों जाऊंगी😉-
चूम के क़दमों को हमारे, हमें हूर-ए-ज़न्नत बना दिया,
कहा उन्होंने, इश्क़ है तुमसे, हमने उन्हें अपना ख़ुदा बना लिया।-
तमन्ना है मौत से पहले मुझे भी यह मंजर नसीब हो
केदारनाथ की राहों से गुजरती हवा मुझे भी महसूस हो.....-
अकेला नाम ले जन्नत का वहाँ जाने की मत सोच
ऐ-बन्दे
तुझसे ज्यादा कौन जानता है गुनाह तेरे-
ईदी में मिलो तुम,तो हमारी भी ईद बने
हम भी कभी जन्नत के चश्मदीद बने ।-
जब हरफों कि हांडी पर..
दाल भात पक जाते हैं..
भावों के मांझे से..
कविता कि पतंगे उड़ाते हैं..
सूखी नदी में..
प्रेम का झरना बह जाते हैं..
वही बोल अमर होकर.
" मां " बन जाते हैं..
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अगर तुम्हे स्वर्ग देखना है , तो बचपन की यादें देखो ।
स्वर्ग वहीं होता है जहां खुशी मिले , दुःख तो सारी दुनिया देती है ।-