सुन छोरी
होंगे तेरे दीवाने बहुत
लेकिन मैं तो बस अपनी सुबह की चाय का दीवाना हूँ-
रंग है उमंग का चढ़ा है हर ढंग पर खेल रही रंग से एक गाँव की छोरी है,
गुलाल है जो गाल पर लगा है और भाल पर भीग रही रंग में एक गाँव की गोरी है।
पास है जो साँस के आस है एहसास भी वनवास है उसी को ही आया नहीं वही,
सिंदूर है जो माँग का दूर है सुहाग वही रो रही आज एक गाँव की किशोरी है।।
-ए.के.शुक्ला(अपना है!)-
गाज़ियाबाद कि छोरी, है बड़बोली
कर दो जो तारीफ़, तो भाव खाती है
बातों में हैं नमक, आँखों में चमक
बात-बात पर वो, आँखें दिखाती हैं...!
फूलों का गुलस्ताँ, महक से जो रिश्ता
हसरतों को, अंगारों सी जलाती हैं
छूने को तरसे जी, कहने को लब
बात-बात पर वो, तमंचा दिखाती है...!-
हमने बचपन में एक छोरी 'पटाई' थी,
जो हमारे दिल में 'टका-टक' समाई थी
'कराटे' सीखने क्लास में जाती थी छोरी,
हम अपनी 'साईकल' पर उसे छोड़ने जाते थे चोरी-चोरी
उसने जिस दिन 'ब्लैक-बैल्ट' पाया था,
हमें उस पर ढ़ेर-सारा 'प्यार' आया था
सोचा था अब बनेगी वो हमारी ही 'लुगाई',
पर कहाँ पता था कराटे सीखते ही..
सबसे पहले कर देगी हमारी ही 'धुनाई'
'पिटने' के बाद हमने बना ली उससे दूरी है,
वो पीटती बहुत बुरा है..दूर रहना जरूरी है
- साकेत गर्ग 'सागा'-
थारी प्रीत मा म्हारा सजणा
होगी मै बदणाम घणी
प्रीत रो रोग लग्यो थानें छोरी
बात बणावें लोग घणी
नीद न आवै करवट बदलूँ
ताराँ छाँई राता मा
जाणें कंइयाँ आगी थारी
मीठी मीठी बाताँ मा
आँख्या रो काजड़ बिखराऊँ
मै खाटाँ मा पड़ी पड़ी
प्रीत रो रोग लग्यो थानें छोरी
बात बणावें लोग घणी
-
ओ छोरी म्हारे इश्क़ की बराबरी कोई के कर सकेंगे
हम आ़शिक हैं अवारे थोड़ी जो तेरे जिस्म़ से प्यार करेंगे
-
Dear बॉयज लड़की को नींद की जगह nini आने लग जाये तो समझ लो उसे भी Pyar हो गया है😉😂
Dear girls कभी जो सेकंड्स में Reply देता है वो घण्टो बाद msg करने लग जाये तो समझ लो किसी और से Pyaar हो गया है😎
-
For 2 beautiful girls..
नवाबी शहर की ये दो गुलाबी सी कोमल छौरी
जब भी आती है मेरा दिल महँका देती है गोरी
मेरी बातों बातों में कर लेती है सारी उदासी चोरी
दोनों ही मोहब्बत और दोस्ती की है ये तिजोरी
नवाबी शहर दो हसीन गुलाबी सी कोमल छौरी
🌹Komal Rawat 💞Komal Jagwani💕-
म्हनै अजन्मयो ई रैवण दौ
हां माँ थै म्हनै अजन्मयो ई रैवण दौ
म्है काई करूँ इण जग में आ'र
क्यूँ? क्यूंकै....
थै काई सुख पायो
लारला पाँच म्हिना'ऊ तो मैं थानै जाणू हूँ
थाणी माँ सा कोई दवाई दिराई कै मैं छोरो बण नै जन्मू
थाणा बा सा कैवै अबकै तो दोयता रो कोड करूँ हूँ हुतो
थाणी सासु जी कैवै मैं थारा हैंग हदका उटावां पोतरा रे हारु
थाणा सुसरो जी आसीस देवै बींदणी इण बार तो
म्हारै छोरा रो बंस बढ़ाउनै वाळा रो मूंडो दैखा दीजै
हैंग तो की बी कैवै पण माँ म्हारा बाबोसा
वै तो म्हारौ मूंडो ई कोनी देखणी चावै,
हाँ रातै रो थाणै दोनां रो झगड़ों म्है सुण लियो हौ माँ सा
म्हारै जैड़ी तो पैली एक है ई'ज म्हारै आया'ऊ
उणनै जित्तो लाड मिळे बो'ई कोनी मिळेला
अण म्हनै तो काई मिळी औ तो म्हनै ठा ई'ज है
पछै काई ठा थै.. काई कै'ऊ, रैवण दौ
माँ इण रे हारु ..... म्हनै अजन्मयो ई रैवण दौ..-