ख्वाहिश ये थी कि उन्हें याद ना आए हम
तमन्ना ये है कि उन्हें भूल ना पाए हम
कि सारी उम्र कतरे में गुजरे
न मिल पाए वो ना भूल पाए हम-
Mechanical Engineer
Manager
Shayar
instagram.com/er_rksingh
ख्वाहिश ये थी कि उन्हें याद ना आए हम
तमन्ना ये है कि उन्हें भूल ना पाए हम
कि सारी उम्र कतरे में गुजरे
न मिल पाए वो ना भूल पाए हम-
बड़ा मुद्दत हुआ यार कि तेरे शहर नहीं आए अच्छा बता क्या बदला वहां जो तेरा एक भी खत नहीं आए।
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दर्द क्या है
छोड़ ये बता दवा क्या है
तेरी खामोशियों की वजह तो हमको मालूम है
पर ये बता क्या ये वाजिब है-
वह आए खिल खिलाए और चल पड़े
हम नादां क्या करते
उनको देखे मुस्कुराए और रो पड़े-
पता नहीं गुनाह था या गलती
पर बेहतर तो ये होता की आप मिले ही ना होते
— % &-
नागवार गुजरा ना तुझे मेरा चुप रहना
पर यकीन मान गुरुर नहीं सब्र है ये मेरा-
एक मैं था जो तेरे बाद कभी बाल भी नहीं संवारा
एक तू है जो हर काजल लगती फिरती है-
सबके साथ तुमने भी ये पूछा परेशान हो क्या
कम से कम तू तो मेरी उदासी का सबब पूछता-