तुम केवल चीनी लेने के बहाने अंदर आए थे ना "अरज",
फिर जाते जाते ज़िंदगी की पूरी मिठास क्यों ले गए?-
जान गया हूँ क्यों हर वक़्त तुम नुक़्ताचीनी करती हो
गालों पर रखती हो नुक़्ता, होठों पर चीनी रखती हो-
चीनी से बनती मिठाई, अब चीनी मिठाई आती है
त्यौहार होते भारत में, खुशियाँ चीन में मनाई जाती है-
इक चीनी है के घुलके भी ,
अपना स्वाद नही छोङती,
इक तुम हो के पलमें
हाथ छोड गए।-
चीनी कम चाय में
पीऊं कैसे?
तेरे बिना सनम
मै जीऊं कैसे?
हाय बारिश में काजल
लगाऊं कैसे?
बस गया दिल में तू
मै भुलाऊं कैसे?-
चीनी(Sugar) सी मीठी बातें करके
आए थे तुम पास
छोड़ आज तुम चले गये
एक कड़वेपन के साथ
काश सोचकर ही रूक जाते
कौन पूरी करेगा अब
इस टूटे दिल की आस-
खून में नमक ढूंढने निकली
तो कोई ईमानदार ना मिला।
नमक हलाल ही नमक हराम हो रखा है।-
होगी खुशीयां चारों ओर उसके
गम रहेगा उससे अनजान
पार करके हर बाधा मेरा भाई
खुद बनाएगा अपनी पहचान
हो पूरे उसके के हर मनोरथ
मिल जाए उसको सारा जहा --
गर मांग ले वो अंबर कभी ,
तो मिल जाए उसे पूरा आसमा..
Happy Birthday 🎂 🎂
My Chini bhai 😍🎂🍫-