अब तो किस्मत भी अपनी फितरत दिखा रही है
पहले प्यार के सपने दिखाये ,अब चिढ़ा रही है ।-
चिढ़ाना तो बहाना है
कि मेरे हालात ज़ाहिर न हों
मेरे जज़्बात फ़ारिग न हों
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उसने कहा- आज से तुम्हारी नापसंद मेरी
नापसंद है.
मैने कहा- आज भी तुम मुझे नापसंद हो.
(😬😬🙈🙈)-
मिजाज तो चिड़चिड़ा सा हो गया है
क्योंकि दिल बड़ा करना छोड़ दिया हमने-
मेरा पूरा हक हैं, ये कहकर...
मुझे हजार बार चिढ़ा लेते हो,,,,
और जब मै चिढ़ाना चाहूं तो...
उससे पहले ही क्यों मुंह बना लेते हों !
🥺-
कुछ लोग होते हैं हमारे जीवन में जो हमसे बहुत जलते हैं
हमसे बेखबर होकर भी हमारी पूरी खबर रखते हैं
हमसे बात ना करके, हमारी ही चुगली करते हैं
हम कब,कहा,क्या कर रहे हैं ,इसमें दिलचस्पी रखते हैं
और उन्हें फर्क नहीं पड़ता हमसे,यह attitude भी साथ रखते हैं
अनजान बन हमारी कहीं बातों को कान लगा कर सुनते हैं
हम खुश हैं तो क्यों है, उसमें भी पूरी रूचि रखते हैं
कुछ लोग होते हैं हमारे जीवन में जो हमको दुखी देखकर खुश होते हैं
हमारी तारीफें उन्हें बर्दाश्त नहीं ,हर बात पर खामियां निकालते हैं
हमारी प्यारी सी मुस्कान से उनके दिल बहुत जलते हैं
कुछ लोग होते हैं हमारे जीवन में ,जो हमसे बहुत चिढ़ते हैं
उनकी ऐसा दशा देख हम भी और खुश रहते हैं ,😃😃
जलने वालों को और जलाते हैं
और खुलकर मुस्कुराते हैं 😊😊
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घमंड़ के पहाड़ पर चढ़कर कभी मुस्कुराना ना।
किसी की बातों में आके किसी को चिढ़ाना ना।
जिस खूंटी के दम पर आप इसकदर उछलते हो-
उस खूंटी पर भारी भरकम बोझ लटकाना ना।
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वो हक़ नहीं मुझपे अपना अधिकार जताती है,
वो गुस्से में भी छिपा हुआ सा प्यार लुटाती है।-
मेरी बगिया के दो पौधे
तेरी याद दिलाते हैं,
तेरी बेवफाई पर वे
मेरा मुंह चिढ़ाते हैं ...-