पुरूष हो तुम यार अपनी हदें,सीमाओं को पहचानो।
कह रहा कुछ कटु सत्य तुम भले मानो या न मानो।।
तुम्हें ये अंधा-गूंगा,पक्षपाती,पूर्वाग्रही समाज क्या न्याय देगा?
आज नारीवादी युग में तुम्हारा कुछ मूल्य नहीं ये तुम जानो
है एक तरफा कानून बने सभी स्त्रियों के पक्ष में
न दलील आती काम वहां न साक्ष्य,प्रमाण वश में
हो पुरूष तुम तो गलती तुम्हारी ही होगी हमेशा
ये मान कर चलती है हमारी न्यायपालिका अपने ही मद में
पुरूष हो तुम यार अपनी हदें,सीमाओं को पहचानो।
कह रहा कुछ कटु सत्य तुम भले मानो या न मानो।।
तुम पुरुष हो घरेलू हिंसा का शिकार कैसे हो सकते ??
तुम पुरूष हो ब्लैकमेलिंग की मार कैसे हो सह सकते ?
तुम पुरूष हो तुम्हें कोई कैसे झूठे वादों से है ठग सकता ??
तुम पुरूष हो तुम्हारा शोषण(Abuse) कैसे कोई कर सकता ?
पुरूष हो तुम यार अपनी हदें,सीमाओं को पहचानो।
कह रहा कुछ कटु सत्य तुम भले मानो या न मानो।।
फिर कौन वो जेंडर हैं आत्महत्या करने में 10में से हर 7होता
कौन है वो जो हर वर्ष 1.2लाख से भी ज्यादे खुदखुसी करता
जिनपे दर्ज रेप,दहेज,घरेलू हिंसा के cases60% झूठे निकलते
कौन है इसके बाद भी सालों जेल,अदालत,पुलिस में पिसते
पुरूष हो तुम यार अपनी हदें,सीमाओं को पहचानो [NCRB
कह रहा कुछ कटु सत्य तुम भले मानो या न मानो [Data-
हसीं☺️ लिखता✍️ हूं।
लेखक👨🏫 हूं साहब,,
दर्द💔के क़लम🖋️ से ख़ुश... read more
हमसफर की तलाश में नजाने कहां-कहां भटके,
फिर सहारा मेरा पाकर मेरे ही पास बस गए।
पर अंत में वो भी निकले आस्तीन के सांप ही,,
जो मेरे पास रहकर साले मुझे ही डंस🐍 गए।।
नागपंचमी विशेष ✍️✍️-
जरूरत का खेल खेलती आई हैं...वो कइयों के साथ,
घुट-घुट के मरता जाता हैं....जो हैं उसके साथ रहता।
खाने के अलग और दिखाने के अलग दांत हैं उसके,,
बदल-बदल के आशिक़ कहती हैं कि कोई मुझे प्यार नहीं करता।।-
पहचान में नहीं आता यहां कोई शख्स,
सबों ने चेहरे पे कई मुखौटे लगा रखें हैं।
पीठ पीछे करते हैं हमेशा बुराई जिनकी,,
उन्हीं के मुंह पर बहुत अच्छे बने फिरते हैं।।-
सबके दुख-दर्द में वो हम सबका सहारा...
अपने दुख-दर्द में वो रह लेती हमेशा मौन है,
तुम्हारी हर गलतियों को जो हमेशा माफ़ करदे...
ऐसा दुनिया में एक मां के अलावा और कौन हैं ??
मातृत्व दिवस की ढेरों शुभकामनाएं 💛🎉-
ये अंग्रेजो के चोंचले.....हर चीज़ का दिन बना रखा हैं बस एक डेथ डे नाम का कोई दिन नहीं हैं इनके डिक्शनरी में।
कल मेरे बगल के दुकान में काम करने वाले एक दादाजी की मृत्यु हो गई और जब दुकानदार उनके घर पे बोलने गया की चिकित्सालय चलिए तो....
उनकी पत्नी और बहु दुकानदार को बोलती हैं कि कोई आपको सुबह से मिला नही हैं बेवकूफ बनाने को आज के दिन सीधा अप्रैल फूल बनाने मुझे ही आ गए जाइए जाइए और ख़ूब जोर-जोर से हंसने लगे। वो कसम खा-खा के बोलते रहे लेकिन उन दोनों ने उनकी बात पर विश्वास नहीं किया। वो थक कर वापस दुकान पर लौट आएं फिर......बाद में शव एंबुलेंस से सीधे उनके घर गया।-
मुझे अब दायां-बायां बता रहा हैं,
वो शख़्स मुझे ख़ूब पागल बना रहा हैं।
जिसने मुझसे सीखा था मोहब्बत करना,,
वो किसी और के साथ उसे निभा रहा हैं।।-
रहा करो जरा सावधान ऐ इश्क👩❤️👨 वालो,
तुम्हारे से दुगना कीमत💸 वसूला जायेगा।
आज एक दिन खिला करके चंद 🍫चॉकलेट,,
बाद में तुम्हारे जीवन का सारा मिठास लूटा जायेगा।।-
बस एक साल खत्म होने से क्या हर दर्द खत्म हो जायेगा??
स्मृतियों का क्या हैं...वो तो दिसंबर के बाद भी सतायेगा।।-
मेरी सफलताओं के द्वार सारे बन्द हो गए हैं,
न जाने मेरी किस्मत किसके दरवाजे खड़ी हैं??
फंसा हुआ हूं वर्षों से संघर्षों के दलदलों में मैं
कुछ इस क़दर मेरे जीवन में मोए-मोए हुई पड़ी हैं।।
#Going with the Trend🙅🙌
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