My madness
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लिख देती हूं अपने अनुभव ,कुछ निजी,कुछ पराए 😃
बादलों में से झाकती यह सूरज की किरणें
कुछ अच्छा होने की उम्मीद जगाती है मन में
नई उम्मीद,नया जोश ,नया उत्साह
नई उमंग भर देती है दिल में-
नदी स्त्रीलिंग है
नदी स्त्रीलिंग है क्योंकि वह जानती है कि
कब उसे सरल होना है और कब उग्र
कोई कितना भी उसका रास्ता रोके
वह जानती है बनाना नया रास्ता
दिखने में वह जितनी सरल और ठहरी हुई है
अंदर से वह उतनी ही प्रबल
वह चाहे तो सरलता से बहकर निकल जाए
और चाहे तो प्रलय का रूप ले आए
बस इसीलिए नदी स्त्रीलिंग है
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जो आपको हर तरह से जानती हैं
आपकी खामोशियों को पहचानती हैं
बिना कुछ बोले ही सब संभालती हैं
एक मां ही तो हैं
जो सबसे पहले खाने का पूछती हैं
और डांट कर एक रोटी ज्यादा ही खिलाती हैं
प्यार से निस्वार्थ गले लगाती हैं
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समुंद्र की चाह थी हमें ,
अब बूंद बूंद के लिए तरसा करते हैं
जिंदगी भर का साथ चाहा था आपसे,
अब देखने को भी तड़पा करते हैं-