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चापलूसी एक ऐसी क्रीम है जिसे लगाने वाला निखर जाता है और लगवाने वाला बिखर जाता है।
😊खुश रहिये मुस्कुराते रहिये,😊
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लो हमने भी सीख लिया सलीक़ा झूठ का।
लो हम भी अजीज होंगे अब सारे शहर के।-
ये जो मतलबी रिश्ता निभाते हैं लोग
मेरी काबिलियत को औहदे से नापते हैं लोग
ये जो तलवे चाट आगे निकल जाते हैं लोग
अपने फायदे के लिए भरोसा दिलाते हैं लोग
ये जो घाटे की ज़िंदगी बिताते हैं लोग-
खरीदार बने रहोगे जब तक,
दुनिया के बाजार में
चीजें वही बिकेंगी
जिनकी समाज को दरकार है,
क्रय विक्रय के सोच से निकल,
कुछ नया कर दिखलाओ
एक नन्हा सा दीप ही
कर सकता सकल विश्व रौशन-
ख़रीदने आये थे कुछ लोग हमें,
हम ना बिकें तो बदनाम हो गए,
चंद पैसों से सौदा कर मेरे अपने,
आज उन्हीं लोगों के ग़ुलाम हो गए-
हर तरफ फैला फरेब और अत्याचार है
चापलूसी, बेईमानी का बढ़ रहा व्यापार है!-
मेहनत से घबराता, चापलूसी से मोहब्बत करता है,
अक्सर हक़-हलाल की बात करने वाला हक़ मारता है!-
ज्यादातर सहमत इंसान उसी से होता है जो कोई विचार ही प्रकट नहीं करता है।
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