न कोई बापू, न चाचा, न इंकलाब का नारा
अंदर ही अंदर टूट रहा है, देखो देश हमारा-
शहरों में हमने रिश्तेनाते तोड़ते देखा,
शहर वाले गांव वालों को
हमने कोसते देखा..
पर कभी गांव की मिट्टी में आकर तो देखो
हमने पल भर में अंजाना से,
रिश्ते बनते देखें....
#दादा-दादी #चाचा-चाची #भैया-भाभी-
मेरे चाचा मेरी जान है इन से ही मेरी शान है
इनके जैसा बन जाऊँ मैं इनके साथ रह पाऊँ मैं
बस यही मेरा अरमान है।-
न कोई बापू, न चाचा, न इंकलाब का नारा
अब तो युवाओं को भाये, ऐश सुष्मिता लारा-
"चंदा मामा के घर पहुँच रहे हो तो
अपने सूरज चाचा के घर भी आओ
ठंडक सी पा जाओ अगर वहाँ तो
थोड़ा मेरी किरणों का तेज भी पाओ"-
जितना कोई गर्ल फ्रेंड या बॉय फ्रेंड न बदलता होगा ।
उतना बिहार में तो हमारे नीतीश चाचा जी अपना सपथ ग्रहण करते हैं।
जय हो नीतीश चाचा जी की।
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आजतक ये नहीं समझ पाया कि
बच्चों को ज्यादा प्यार चाचा करता है
या मामा? और हां इस बात का
बाल दिवस से कोई लेना-देना
नहीं हैं!
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स्वागतम !!
तेरे आने से खिलखिला उठा है ये घर आँगन ,
खुशियों की सौगात हर किसी के चेहरे पर लाया है ,
मुझसे भी छोटा कोई अब हमारे घर आया है ।।-