तम से भरी है हर निशा दिशा, चाँदनी भी है खफ़ा खफा,
चेहरा मुझसे तू ने छिपाया क्यूँ, चाँद का अब होगा क्या?
अमावस की है रोज रात यंहा, चकोर भी चुपचाप सा है,
घूँघट का पट तुम उठाओ जरा, चाँद का अब होगा क्या?
दिशा भ्रमित हुई पृरी धरा, सितारा साँझ का है गुम सुम,
क्यों आँखे ढकी है पलकों से, चाँद का अब होगा क्या?
चंद्र वलय है धुँआ धुँआ, श्रृंगार विहीन है ये पूरा आकाश
सोलह श्रृंगार से हो तू दूर क्यों, चाँद का अब होगा क्या?
बादलों का चाँद पर लगा है डेरा, उजास को निगल रहा,
चाँदनी को तुम यूँ ना कैद करो, चाँद का अब होगा क्या?
चाँद पर जो काला दाग है, वो खूबसूरती का निशान है,
जैसे काला तिल तेरे गाल पर, चाँद का अब होगा क्या?
करवा चौथ भी अभी दूर है, सावन को यूँ ना जाया कर, _राज सोनी
दिल के अरमां समझ जरा, "राज" का अब होगा क्या?-
उड़ान
मैं बाटूंगी एक दिन उजाले,
जलती एक मशाल बन कर।
बढ़ती रहूंगी हमेशा मैं,
भले हो जाऊ राख़ बन कर।
Full piece in the Caption 👇-
चाँद को इंतजार रहता है चाँदनी का
चकोर को इंतजार रहता है चाँद के दीदार का
महबूब को इंतजार रहता है महबूबा का
मुझे तो बस इंतजार रहता है मेरी चाय का
GOOD MORNING-
आज चाँद को देखने हर चाँद छत पर नजर आएगा
हर चाँद अपने चकोर की लम्बी उम्र की दुआ मांगता जाएगा
आज आसमान मे चाँद बादलो मे छीप,,,,,?
लुकाछिपी का खेल खेलता जाएगा
हर घर मे मौजूद चाँद आज घूंघट मे छुप ,,,,,,,
अपने चकोर को देख शरमाएगा
हाय आज चाँद अपनी चाँदनी से प्यार ही प्यार ,,,,,,,
हर तरफ बिखेरता जाएगा
दुआ है हर रात ऐसी आए कि हर रात,,,,,,
बस प्यार ही प्यार चाँद बरसाए।
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कहानी के पात्र बड़े होंगे,
लेकिन कहानी में उल्लेख हमेशा महत्वपूर्ण चरित्र का ही होगा...
कईयों के साथ संबंध चंद्रमा के चक्र की तरह होंगे,
तो कईयों के साथ संबंध धरती के जड़ की तरह होगा...-
🍁"गगन भरा है तारों से पर
चंद्र बिना सब सूना है
चकवा चांद की राह ताकता
पिय है तो सब दूना है
कांटों की ये बेल प्रीत की
मन यूं अटक सा जाता है
चुभता चाहे शूल,पर मन
प्रीत को ललचाता है
मन अटका तो ना होता फिर
रूप रंग का कोई भाव
श्याम वर्ण हो गौर वर्ण हो
ना हो उसमे प्रीत अभाव"🍁-
अपनी इन्हीं अदाओं से करता ये सबको परवाना है,
यूं ही नहीं चकोर का दिल, इस चांद का दीवाना है।।-