जमाने की रुसवाई
सारे गुनाह हमारे माथे ही मड दिए
जैसे वो पाक हो और हम गुन्हेगार।।।-
इस पापी दुनिया में समझदारों को..
यहाँ तो अपनी पहचान बनाने के लिए
गुन्हेगार बनना पड़ता है।-
सच्चे आशिक़ ही गुन्हेगार और बदनाम होते हैं!
वरना ज़िस्म की चाह रखने वाले शिकायत का मौका कहाँ देते!🤐-
तेरी खुशी के खातीर खुद को बदनाम किया
फिर तुम मुझे गुन्हेगार कह रही हो
मोहब्बत दो तरफा होती है
अकेला मैं नहीं तुम भी उतनी जिम्मेदार रही हो-
इश्क़ कि अदालत में जब मुक़दमे होते है,
तब गुन्हेगार हम ही क्यों साबित होते है ...-
अब उस की मोहब्बत का तलबगार नही हूँ में
यार तुम कुछ भी समझो पर गुन्हेगार नही हूँ में-
कोरोना मेरे लिए महज़ एक बिमारी का नाम है साहब.! आज भी मेरी मौत.. गैस से जलकर,पैदल चलकर, ट्रेन से कटकर, भुखमरी से ही हो रही है.!
■● #ग़रीबी●■
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आदतन झाँक लेता हूँ मैं सभी के गिरेबाँनो में
एक मुझमे ही बैठा गुन्हेगार मुझे नहीं दिखता-
यु हर बार खुदके फैसलों पर शक करते हो
और गुन्हेगार उस खुदा को कहते हो
कर लो यकीन खुदपर भी जरासा
क्यों खुद के सपनो को फिर बेकार कहते हो
- भूषण-