तूझे क्या बताऊं, ओ मेरी जान
तूं क्या चीज है, मेरे लिए सनम!!
तेरे नयनों से, चल गयी जादू...
और सांसो से, निकले तीर...
बेकाबू हो गया, मेरा दिवाना दिल...
मुझे मील गयी, मेरे प्यार की मंजील!!
वो चेहरा तेरा, बिलकुल है गेहरा...
जैसे शर्माये, संमदर की लहर...
ईश्क के भंवर, हर तरफ से मंडराये...
मेरे दिल की कश्ती, यु ही डूंब जाये!!
ईंतजार है, तेरे ईश्क के मौसम का...
गरजते है बादल, मीलन की बरसात के...
चली आ तूं, मेरे यार... मेरे यार...
जीन्दगी भर की प्यास, बुझा दे एक बार!!
©गितकार: श्री. गजानन परब (बाबू_G)
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