तुम्हें पाने के लिये सभी सफ़र चल रहा हूँ
कोई ख्वाहिश हो तुम्हारी
तो मुझको बताना.....
एक साल काटा हैं इंतजार में तुम्हारे
कोई अब भी शिकायत हो
तो मुझको बताना....
बस दो लम्हें जीने हैं इस जिंदगी के मुझे
कभी तुम्हें वक़्त मिल जाये
तो मुझको बताना....
~ भूषण 🙇🏻♂️💕-
आजकल किसी कहानी में
वो अपनापन नहीं हैं
एहसास नहीं हैं
कोई दिल को छु ले ऐसे ज़ज्बात नहीं हैं
फिर भी शाम की मदहोशी में डूबा
ख्वाब बुन रहा हूँ
इस दुनिया का अब मुझको ख़याल नहीं हैं
खामोशी हैं बस चारों ओर
आगे क्या करना हैं, ये सवाल नहीं है
~ भूषण-
हाँ एक गलती हुई हमसे ...
जो इश्क़ को इबादत बना बैठे
जिस ख्वाहिश को छुपाना था....
वो इज़हार कर बैठे
फ़िलहाल तो ये मसला हैं....
कि फासले हैं दरमियाँ
और हम भी बड़े अजीब हैं
जो तुझे ही खुदा और तुझे ही अपनी मुराद कह बैठे
~ भूषण-
अब इस नयी कहानी में
कोई बैर का रिश्ता नहीं रखा जायेगा
कमज़ोर हैं दिल लोगों का और दिल मेरा
अब इस दिल पर और घाव नहीं किया जायेगा
कुछ सपनों के लिये कुर्बान कर देंगे सब
पर आज का मज़ा गवाया नहीं जायेगा
खूबसूरत रहेगी अब से हमारी भी कहानी
अब दर्द को दिल पर लिया नहीं जायेगा
~ भूषण-
ख्वाबों की राहों में
कुछ खुशियों के दिये जलाये
मंज़िल के हम करीब हैं
कुछ धमाकेदार पटाखे लाये
जश्न अकेले नहीं मना सकते
चलो अपनों के साथ मिलकर दिवाली मनाये
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खूबसूरत इतनी कि देख उसे चांद भी शर्माये
हस दे तो बसंत में जैसे बहार आ जाये
खुशमिज़ाज इतनी की
औरों की भी मुस्कान बन जाये
हैं ख्वाहिश बस इतनी की,
मेरी एक मुराद पूरी हो
हैं मेरे पास जो पहेलियाँ बहोत सी,
वो सभी सवालों का जवाब बन जाये
~ भूषण-
हाँ मुझे प्यार हैं उससे
पर उसे भी हो,
ये ज़रूरी तो नहीं हैं
बस तलाश रहती हैं सुकून की
पर मिलना ही चाहिये,
ऐसी जिद तो नहीं हैं
हाँ नये सफ़र पर निकलता हूँ हर साल
हमसफ़र ना भी मिले,
पर शिकायत तो नहीं हैं
अब क्या करे भूषण
जब उसे लौट जाना मना हो
वैसे मंज़िल जल्दी ही मिले,
ऐसी मज़बूरी तो नहीं हैं
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किस्मत से भी शिकायत नहीं हैं अब
जो मिल रहा हैं, उसमें ही सुकून ढूँढ रहा हूँ
मंजिल से कितना दूर हूँ.... पता नहीं
बस इतना पता हैं, सफर कर रहा हूँ
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तुम्हारे बिन जिंदगी क्या हैं
आंसुओं में ही गुजर जायेगी
मैं तुम्हें याद कर यूँही जिंदगी जी लूँगा
मेरी हसी में तुम्हें तुम्हारी तस्वीर दिख जायेगी
~ भूषण-
उलझन है की,
एकतरफ़ा प्यार सही हैं कि नहीं..
मुझे यूँ तो यक़ीन हैं की, तुझमे तो कोई खामी नहीं...
पर सवाल हैं की, तेरे लिये मैं सही हूँ कि नहीं....
~ भूषण-