हमें तो उस गुनाह की भी सजा मिली,
जिसके तह तक जाकर भी वो हमें गुनहगार साबित
ना कर सके !-
17 JUL 2020 AT 13:07
14 FEB 2019 AT 22:42
कुछ बेगुनाह यहां मरे, कुछ वहां मारे जाएंगे
गुनहगार इन लाशों पर, रोटियां खाएंगे-
25 APR 2021 AT 16:39
कितनी दूर तलक थाम सकोगे हांथ मेरा,
मैं गुनहगार हूं जानिब..अपने उसूलों को छोड़ने का..-
25 JAN 2021 AT 18:15
ऐ जिंदगी तेरा इतना भी बड़ा गुनहगार नहीं हूं मै
हर दिन एक नई मुसीबत में मत डाल मुझे-
13 OCT 2020 AT 9:22
काश उन्हें चाहने का अरमान ना होता
में आज खुद से यूं अंजान ना होता
मेरा भी हर पल गुजरता हंसते मुस्कुराते
में अपनी जिंदगी का यूं गुनहगार ना होता-
5 NOV 2019 AT 13:56
हमने
हम जो सोच रहे थे वो तो ग़लत है
और हकीकत कुछ और है
गुनहगार तो कोई और है
और सजा कोई और
भुगत रहा है।।
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31 MAY 2020 AT 3:19
अाए है आंसू मेरी वजह से उसकी आंखों में,
गुनहगार हूं उसका मंजूर है , सज़ा कबूल है।-
7 MAR 2019 AT 5:52
ये उजाले गुनहगार हैं मेरे हसीन ख़्वाबों के,
कमबख्त आँख मलते ही तुम्हें दूर ले जाते हैं !-
19 AUG 2020 AT 23:27
वो बेगुनाह एक दुसरे को दोषी ठहराते रहे
और शब्द फिर एक मर्तबा बाइज्ज़त बरी हो गए।-