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मैं तुम से प्यार नहीं करता हूं
यही कहना चाहती हो न तुम
क्या तुम अपने दिल पर हाथ
रख कर कह सकती हो यह बात
तुम्हारी जगह में होता तो कभी
भूले से भी तुम्हारे प्यार को
एहसान नही कहता।
तुम इतनी खुदगर्ज निकलोगी
ऐसा सपने में भी नहीं सोचा
जब भी तुमनेजो चाहा वह ला
कर दिया अब मेरे पास तुम्हें
देने के लिए वक्त नहीं है तो
क्या मैं तुम्हें अपना
क्रेडिट कार्ड नहीं देता हूं ?-
जो हुआ था प्रेम का सौदा , हमारे बीच ।
उसकी मुश्किलों को अब और न बढ़ाइये ।।
रहा न जाये अगर आपसे , हमारे बिन ।
स्वागत है , आप आकर हमको मनाइये ।।
आपकी पसन्द अब ,पहले जैसे रही नही ।
मनाने की प्रक्रिया पहले हमको बतलाइये ।।
महंगाई का ज़माना है ,गिफ्ट से काम चलेगा नही ।
जाइये सुनार से कुछ गहने गढ़वाईये ।।
गहनों में अंगूठी , चैन , बिन्दिया चलेगी नही ।
मेरे लिये हीरों का हार जड़वाईये ।।
इतने में जो आपके प्राण सूखने लगें ।
तो जाइये फिर निहारिका के पास भी न आइये ।।-
गर्लफ्रेंड:आज से हमारा रिश्ता खत्म। हम एक-दूसरे को
सारे
गिफ्ट वापस करते हैं।
पप्पू:ठीक है, रिचार्ज से शुरू करते हैं।
गर्लफ्रेंड:जानू, अब मजाक भी नहीं कर सकती क्या?
😜😜😉😃😃😀😝😝-
न शादियों न त्यौहारों में
गिफ़्ट जाकर उनको दीजिए
जिनकी हालत नाजुक हैं हस्पतालों में-
सीमा हर साल अपने भाई राजीव के लिए अपने हाथ से रेशम के धागे जोड़ जोड़ के बड़े प्यार से राखी बनाती है। राजीव भी सीमा का बहुत ख्याल रखता था। माँ के जाने के बाद बड़ी बहन सीमा ने ही माँ का स्थान ले लिया। छोटी उम्र में उसने पूरे परिवार को संभाल जिम्मेदारी निभाने की मिसाल दी। समय रहते राजीव की शादी भी एक अच्छे घर में करवा दी। आज फिर राखी है सीमा ने राखी बनाई और हमेशा की तरह बस पकड़कर रवाना हो गयी अपने मायके के लिए।लेकिन घर पहुँचते ही पापा ने बताया कि राजीव और शिवानी तो शिवानी के मायके गए हैं राखी बांधने ;थोड़ी देर में आ जाएंगे। सीमा इंतज़ार करती रही फिर सीमा ने भाई को फ़ोन किया राजीव ने कहा"दीदी हम एक घण्टे में आ रहे हैं; आप जाइयेगा नही" सीमा को इंतज़ार करते करते शाम हो गयी सीमा ने फिर से अपने भाई को फोन किया।इस बार शिवानी से बात हुई बहुत तेवर दिखते हुए वह कहने लगी " दीदी!आपका गिफ़्ट घर पहुंच जाएगा क्यों बार बार हमें फ़ोन कर परेशान कर रही हो। हम आज नही आ पाएँगे" सीमा आँसू पोंछते हुई सोचने लगी क्या सच में मैं गिफ्ट के लिए राखी बांधने आई हूँ।
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पर 'दी' को यही क्यों देना ?
तो क्या दे ?
कुछ और दे दो गिफ्ट
जैसे मे क्या
झुमके दे दो
नही वो तो तुमको
देना है-
पहले भी और अब भी
याद तो तुझे भी होगा
हर साल तेरे लिए कुछ ना कुछ गिफ्ट खरीदा है
हमने पहले एकाद बार देने की कोशिश भी करी है लेकिन जब तुमने वो वापिस कर दिया तो उस गिफ्ट का हाल भी देखा होगा तुमने-
वो ख़्वाब थे मेरे ज़ेहन में
ना कह सका ना लिख सका
के जबां मिली तो कटी हुई
के कलम मिला तो बिका हुआ-
कुछ दिनों से ,,
वो खास गिफ्ट मांग रही थी
कल मैंने भी..
सैनिटाइजर, मास्क और रामदेव जी की
दवाई ,एक सुंदर से डब्बे में पैक कर दे दी।।
😂😁😁😂
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