इस देश की मिट्टी में जन्मा
दिल कितना अभिमानी है,
जो प्राणों को उत्सर्जित कर दें
वह देश प्रेमी ही बलिदानी है....
यह सीमाओं के सजग प्रहरी
अपने होने का एहसास कराते हैं,
दुश्मन के नापाक इरादों को
अपनी हिम्मत से धूल चटाते हैं!
जब कुत्सित सोच उभरती है
भूले भटके बिगुल बजाते हैं,
आतंक के पहरेदारों को गिन कर
उन्हें हूरों के पास पहुंचाते हैं!
देश के दुश्मनों की कौन कहे
घर के गद्दारों की अमर कहानी है,
बिना नकेल है सब घूम रहे
यह बातें भी क्या कम हैरानी है...-
पहले ढूंढ मारो घर छिप्पे गद्दारों को,
बंग्लादेश से बंगाल तलक, सत्ता के राज दुलारो को |-
इतिहास में दर्ज होती हैं
वो बेतुकी बातें और हरकतें
जो दुश्मन के पक्ष में
शर्मनाक गवाही या मदद
साबित होती हैं।
😢थू है तुम पर ग़द्दारों😢-
दीप जलाओ, गर्व करो... एक और दीवाली आयी है,
एक सच्चे सपूत ने "एक-भारत" की आस जगायी है,
तोड़ धारा 370... कमर तोड़ी है गद्दारों की,
बदल लो चोला गद्दारों... अब तुम्हारी है बारी,
घाटी में अब कंही कभी खूनी खेल नहीं होगा,
पत्थर एक भी चला तो उनका खैर नहीं होगा,
सालों से बीमार घाटी को फिर से राह पर लायेंगें,
झूम उठे हैं देशभक्त अब दुश्मन मुंहकी खायेंगे...!!-
★आवाज★
आवाज को आवाज से आवाज़ दे दो
कुर्सियां हिलने लगे ऐसी आवाज दे दो
आवाम की आवाज को बुलंद करना है
देश के गद्दारों को खत्म करना है
चाहते हो देश को नया आयाम देना
तो आओ मिलकर हम अंजाम देते हैं
जो अंजान है आवाज से बैठे हैं महलों में
इनको जगाने वाला पैगाम देते हैं
आओ गांधी मंत्र से, रौंद दें इनको
आज अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हैं
चलो देशवासियों मतदान🖕 करते हैं।।-
मैं जिंदगी का साज़ बजाता चला गया,
हर बेवफ़ा को दिल से भुलाता चला गया!
खुशियों में साथ दे के जो पलटे हैं ग़मों में,
इन जैसे गद्दारों को ज़हन से मिटा दिया!-
Life में एक ही उसूल रखना Dost ;👇
Dosti में गद्दारी नहीं और गद्दारों से Dosti नहीं..!!-
जब देश में गद्दारों की बाढ़ आ जाए तो ,
देशभक्त का फर्ज बनता है कि वह
चुप ना रहे,वह चीख चीख कर कहे कि वह
देशभक्त है।।
।। तू ही तू ।।-
गुज़र जायेगा ये बुरा वक़्त भी,,,,
तु जरा हिम्मत तो रख....!!
थाम एक दुसरे का हाथ विशवास से....!!
ओर कर गद्दारों की परख,,,,-
जीत कर भी वो हारे हुए से भी गए गुजरे होते हैं क्योंकि गदारों को कभी इज्जत व शौहरत नसीब नही होती, जो अपनो से दगा करते हैं उनको जन्म जन्मांतर तक किसी की भी इनायत व वफा नसीब नही होती ।।
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