हमें स्वयं ही निर्णय करना है कि हम क्या हैं क्योंकि
शान्त चित्त सृजन करता है और क्रोध विध्वंश,
विचार जरूर करें हम क्या हैं सृजनकर्ता या विध्वंशक।
🙏 तू ही तू 🙏-
ईमानदारी की कीमत का अंदाजा इसी बात से ही हो
जाता है कि..
बड़े से बड़ा बेईमान व्यक्ति
भी अपने नीचे ईमानदार
व्यक्ति चाहता है
💐🙏🏻तू ही तू🙏🏻💐-
जन्म का समय नहीं था
यह समय का जन्म था
आ जाओ प्रभु
बहुत अंधेरा हैं ।।
।। कृष्णं वंदे सद्गुरुम्।।
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परमात्मा वहां है जहां कोई
सद्गुरु है। जहां किसी
एक जले हुए दीए के पास
और-और दीए सरक-सरककर
जलने शुरू हो गए हैं। जहां एक
दीए के आसपास और बहुत दीए
जल उठे हैं। जहां दीपावली हो
गई है। एक सद्गुरु बहुतो के लिए
द्वारा बन जाता है।
।। तू ही तू ।।
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तुलना के खेल में न उलझें ,
क्योंकि जहाँ से तुलना..
आरंभ होती है..!
वहीं से आनंद और
अपनापन खत्म!!
🌹 तू ही तू 🌹-
जिंदगी की
तलाश में
जिंदगी तू कब
खो गई पता ही
नहीं चला।।
।। तू ही तू।।-
रिश्तों में
चुप्पी का मतलब
लिहाज भी होता है
मगर
कुछ लोग इसे कमजोरी
समझ लेते है ।।
सोच जरूर बड़ी रखो ।।
।। तू ही तू ।।-
सहजता से निभें,
वे ही रिश्ते
सुखद हैं..
जिन्हें निभाना पड़े,
वो केवल
दुनियादारी ।।
।। तू ही तू ।।-
छोटे से दिल में गम
बहुत है
जमाने ने दिए जख्म
बहुत हैं
मार डालती कब का
यह जिंदगी हमको
लेकिन
अपनों की प्रार्थना में
दम बहुत है ।।
।। तू ही तू ।।-