हमें स्वयं ही निर्णय करना है कि हम क्या हैं क्योंकि शान्त चित्त सृजन करता है और क्रोध विध्वंश, विचार जरूर करें हम क्या हैं सृजनकर्ता या विध्वंशक। 🙏 तू ही तू 🙏
परमात्मा वहां है जहां कोई सद्गुरु है। जहां किसी एक जले हुए दीए के पास और-और दीए सरक-सरककर जलने शुरू हो गए हैं। जहां एक दीए के आसपास और बहुत दीए जल उठे हैं। जहां दीपावली हो गई है। एक सद्गुरु बहुतो के लिए द्वारा बन जाता है।