हे गंगे! बोतलों में बंद अब तू नीर बहाती है
मलिनता ढ़ोकर कभी स्त्री भी पवित्र कहलाती है
भागीरथी तू जगतारिणी देवाहार है... हर-हर गंगे!!-
लाखों करोड़ों रुपये हुए बर्बाद
फिर भी माँ गंगा निर्मल न हो पाईं।
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ज्यों ही हुआ लाकडॉन
और रुका नीर में अपशिष्ट प्रवाह..
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त्यों ही माँ गंगा विश्व की
पवित्र नदियों में फिर से शुमार हो गईं।।-
कल कल छल छल
हे!गंगे मां
तू है निर्मल मां गंगे...!
🛕🚩🙏🙏
मोक्षदायिनी माँ गंगा सबका जीवन खुशियों से परिपूर्ण करें, यहीं कामना है।
गंगा दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं...!-
सुरलोक से उतरी,शिवजटा में समाई,
देवनदी विष्णुपदी ,
हर लेती मैया पीर।
पावनी तारणि गंगा,मोक्षदायिनी माँ गंगा,
सगर के सुत तरे,
छूकर इसका नीर।
गंगा तट स्वर्ग सम,दीप माला हरे तम,
सकल रश्मियां छाई,
मंद बहे है समीर।
ऋषिकेश की दिव्यता,शांत करे अधीरता,
तृप्त होता हर मन,
रखना तू मधु धीर।
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कामधेनु हो गंगा गीता तुम चार वेद की माता,
चौबीस अक्षर तुम में समाते तुम सब सुखों की दाता,
जो अज्ञानी वो पावे ज्ञान शरण जो आप की जाता,
जो करता मन से सुमिरन प्रकाश जीवन में पाता।-
सतत अविरल बह रही पवित्र रसधार लिए,
हे मोक्षदायनी जगतमाता सानिध्य सदा बना रहे,
स्नान दान पुण्य तर्पण का सौभाग्य सदा बना रहे,
अमृत है नीर आशिर्वाद से लगे भवसागर के तीर,
माँ तेरे ही परिवेश में सदा सभी रहें चंगे,
हर हर गंगे, हर हर गंगे,
🙏🙏🙏-
।।श्री हरि:।।
आप सभी को " गंगा दशहरा " की अनन्त शुभकामनाएं व बधाई । माँ भवानी सदैव आप सभी पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें ।-
भोले बाबा की जटा में समाई
वो पतीत पावनी माँ गंगा
निर्मल अमृत जल जिसका
वो पतीत पावनी माँ गंगा
इस धरा पर है आई भक्त
भागीरथी की तपस्या से
वो पतीत पावनी माँ गंगा
श्रद्धा के साथ जो श्रद्धालु
माँ गंगा के शरण में है आता
एक बूँद निर्मल जल से ही वो
पापो से मुक्ति पाता ।।
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गंगा केवल धार्मिक आस्था ही नही
ये भारत की संस्कृति है
ये मानवता की जननी है
ये हजारों सभ्यताओं की जननी है
ये हमारी रक्षक है गंगा हमारी माँ है
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