PRAGYA PANDEY   (प्रज्ञा पाण्डेय)
137 Followers · 25 Following

read more
Joined 3 February 2019


read more
Joined 3 February 2019
3 AUG 2023 AT 20:46

देह से प्रेम का समाप्त होना ,ठीक उसी प्रकार है...
जैसे खुली हुई शीशी से... इत्र का उड़ जाना

-


8 APR 2023 AT 7:35

प्रेम एक दुल्हन है
जिसका श्रंगार 'स्मृतियां' करतीं हैं

-


5 MAR 2023 AT 20:59

कुंजगली में घूमके, कान्हा फेंके जाल।
प्रेम रंग से रंँग दिया,हर गोरी का गाल।
जोगिरा सारा रा रा,जोगिरा सारा रा रा

-


26 JAN 2023 AT 10:14

कमल विराजती हैं ,वीणा को बजाती अम्ब,
प्रज्ञा हो प्रखर सदा ,वरदान दीजिए।

ज्ञान की पिपासा आप,दूर करो शरण में,
ज्ञानदायिनी हूँ आई ,मुझे ज्ञान दीजिए।

कुविचार दूर रहें ,सुविचार देना अम्ब,
शब्द शब्द रस भरे, श्रेष्ठ दान दीजिए।

छंद संग अलंकार ,कविता में रचे बसे,
अपने उपासकों को,आप मान दीजिए।

-


28 NOV 2022 AT 15:11

किसी देश को बर्बाद करना है,
तो उसके युवाओं को बर्बाद कर दो....

( पहला कारण सोशल मीडिया,
दूसरा पार्लियामेंट में बैठे 545 लोग.... कोई न कोई कारण उपलब्ध करा ही देते हैं जिससे फेसबुक और व्हाट्सएप के यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए लोग वहीं वाद विवाद में उलझे रहते हैं )

-


26 NOV 2022 AT 14:54

नयन नीर निशिदिन बहे,मन से निशा न जाय।
भाव भ्रमित भयभीत है,कब कान्हा को पाय।

-


24 NOV 2022 AT 9:52

कान्हा तेरे प्यार में,नयन‌ भरे है नीर।
क्यों बिछड़े तुम सांवरे, यों जमुना के तीर।

-


22 NOV 2022 AT 14:58

व्याकुल हृदय है नेह में
तड़पें विरह जब देह में
चित मन सभी खो गए।
ये संग प्रिय के हो गए

-


17 JUN 2022 AT 11:57

जिस समय प्रेम को बांधा जाता है बंधनों में....
उसी प्रेम में जन्म होता है वासना का....

-


15 JUN 2022 AT 16:44

क़ल्ब होता है नहीं सबको बसाने के लिए
इश्क होता है नहीं सब पर लुटाने के लिए

-


Fetching PRAGYA PANDEY Quotes