बेड़ियों से जकड़े हाथ
पर तितली सा है मन आजाद-
चले जा रहे है हम अपनी ही मगन में
बिना परवाह किये ये दुनियां क... read more
लोकतंत्र और क्रांति की जननी बिहार
तुझको बारंबार प्रणाम
पहले देखते हैं इसका इतिहास
फिर देखेंगे वर्तमान
विश्व का पहला लोकतांत्रिक गणराज्य बिहार
बुद्ध ,महावीर ,चाणक्य ,चंद्रगुप्त मौर्य ,अशोक महान
जिसने दिलाया बिहार को वैश्विक पहचान
लोकतंत्र और क्रांति की जननी बिहार
तुझको बारंबार प्रणाम
80 साल का बूढ़ा भी लिया अंग्रेजों को ललकार
पीर अली ,वीर कुंवर ,अमर सिंह की धरती महान
गांधी की पहली सत्याग्रह की शुरुआत
राजेंद्र प्रसाद ,जयप्रकाश ,कर्पूरी ठाकुर को प्रणाम
लोकतंत्र और क्रांति की जननी बिहार
तुझको बारंबार प्रणाम-
संवैधानिक संस्थाएं करें,
असंवैधानिक काज
न्यायालय, संसद मौन है
कैसा लोकतांत्रिक राज
जोगिरा सारा रा रा रा-
भ्रष्टाचार पेपर लीक के,
भइल गरम बाजार
मुख्यमंत्री के दिमाग खराब बा
कइसे चली बिहार
जोगिरा सारा रा रा रा-
कोई हिंदुत्व ढूंढे, कोई संविधान
देश की जनता ढूंढ रही है
रोटी कपड़ा मकान
जोगिरा सारा रा रा रा-
ना मंजिल पता, ना ही पता रास्ता,
सच पता नहीं, बस झूठ से ही वास्ता।
रिश्तों की जाल, सफलताओं की चाह,
तन - मन को केवल दासता में बांधता।-
प्रश्न कुछ अजीब है मेरे दिल के करीब है
जीवन एक यात्रा है या यात्रा ही जीवन है-
मुझसे मुहब्बत न किया कर
मैं तुझे मुहब्बत न दे पाऊंगी
मैं नदी की बहती धारा हूं
एक जगह नहीं रुक पाऊंगी-
मन में चल रहा जब भीषण युद्ध हो
शस्त्र लिए जब योद्धाएं सुसज्जित हो
फिर किसीकी जीत की कामना करे
जब दुर्योधन और कृष्ण भी स्वयं हो
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तुम्हें इक बात कहनी है मेरी बात सुनोगे क्या
मुझे भी अपने समाज में भयरहित जीने का अधिकार दोगे क्या
नही चाहती कि तुम मुझे दुर्गा , काली, लक्ष्मी मानों
नही चाहती कि तुम मुझे माँ, बहन या बेटी मानों
बस मैं चाहती हूं तुम खुद की तरह मुझे भी इंसान मानो
तुम्हें इक बात कहनी है मेरी बात सुनोगे क्या
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