गलती मेरी है तुझे इतनी अहमियत दे दी
तुझे तो औकात दिखाने वाला आईना देना चाहिए था।-
न तो इंकार करते हो, न ही इक़रार करते हो
हमें इतना कहो जानां, कि सचमुच प्यार करते हो?
तुम्हारी राह तक-तक कर, बरस कितने बिताएं हैं
बता दो तुम हमें बस ये, कि तुम भी याद करते हो?-
यूं जो तुम शर्माए हुए हो
हमसे ही नजरें चुराए हुए हो
दिल में प्यार दबाएं हुए हो
होंठों पर इनकार लिए हो
प्यार तो तुम्हें भी है हमसे बस
तुम कहने में शर्माए हुए हो❣️-
ये इंतजार है तो इंतजार ही सही
तेरे इंतजार में भी मज़ा है
ये इनकार है तो इनकार ही सही
तेरे इनकार में भी मज़ा है
ये दूरियां है तो दूरियां ही सही
इन दूरियों में भी मज़ा है
आख़िर प्यार है तो प्यार ही सही
इस प्यार में भी मज़ा है...
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जाते वक़्त तुम
अपना इनकार साथ लेते जाना
अगली बार
एक नए
इज़हार
और
इनकार
के साथ मिलेंगे-
रहा ख़ामोश तो उसने पहल कर दी मोहब्बत की,
जो मैं इज़हार कर देता तो वो इन्कार कर देती...-
डरती हूँ कहने से
की मोहब्बत है तुमसे ,
मेरी ज़िंदगी बदल देगा
तेरा इंकार भी और इकरार भी ।-
मैं तेरा इकरार समझता हूँ,,
मैं तेरा इनकार समझता हूँ,,
मैं चाहता हूं इस कदर तुझे,,
धोखे को प्यार समझता हूँ,,
तेरे गुस्से पर प्यार आता है,,
गुस्ताखी को जी चाहता है,,
नादान है तू इतनी क्या कहूँ,,
दिल तेरे ये नाज उठाता है,,
मुझसे दूर तू जाती नही है,,
पास मेरे तू आती नही है,,
जिद्दी है इतनी तू बेवफा,,
अपना मुझे बताती नही है,,
मैं तेरी नफरत समझता हूँ,,
मैं तेरी उल्फत समझता हूँ,,
दुनिया कुछ भी कहे सचिन,,
मैं तुझे मोहब्बत समझता हूँ,,
14-10-2019-
याद करते हैं कि नहीं
ये तो पूछकर ही पता चलेगा जनाब
पर इतनी हिम्मत लायें कहाँ से
इस बात का मलाल है हमको
और इन्हीं यादों में हलाल हैं हम
पर वो जनाब अंजान हैं
ये कैसा इम्तहान है?
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मेरा इनकार भी उसे इजहार लगता है
गुस्से में भी न जानें क्यों प्यार लगता है
और कितना पागल है न वो शख्स
जिसे मेरा दिल उसका तलबगार लगता है-