इतिहास गवाह है
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🍂जब कोई दुनिया से रुखसत हो जाता है,
उसके अपने सगों का दिल बरबराता है !
अमलन आलाप का दौर आता है,
आली आदमी खुदा की तोहीन करता जाता है !
जाने वाला मिटटी के ढेर में सो जाता है,
कब्र पे जाके उसका अपना, आब-ए-चश्म बहाता है !
फूलों की सेज से कब्र को सजाता है,
जाने वाले का तो सिर्फ नाम ही रह जाता है !
इतिहास गवाह है कि अंत में, सब मिट्टी हो जाता है..!🍂-
जब जब नारी का अपमान हुआ है
तब तब दुनिया में घोर संग्राम हुआ है, त्रेता युग में सीता का अपहरण ,द्वापर युग में जब द्रोपदी का मान भंग हुआ है ,उसी कारण तो रावण और कौरवों का संपूर्ण कुल का विनाश हुआ हैl
कलयुग में निर्भया, प्रियंका, भंवरी देवी ,अंजना मिश्रा आदि के मान मर्दन से ही तो मानव जाति का नाम बदनाम हुआ हैl
मेरी है बस इतनी सी विनती नारी का कभी मत अपमान करो ,
आने वाली पीढ़ियों में नारी सम्मान के कूट-कूट कर संस्कार भरोl-
इतिहास गवाही देता है जब इंसान कटघरे में हो,
इतिहास सीख देता है जब इंसान असमंजस में हो,
इतिहास हौसला देता है जब इंसान टूटने को हो,
इतिहास मुआफ़ी देता है जब इंसान सुधर गया हो,
वर्तमान मेहनत देता है, वक़ालत करता है !
भविष्य फ़ैसला देता है, सज़ा मुकर्रर करता है !-
रक्त रंजित भेष में एक कविता लिखुँ
होती भारत की पथभ्रष्ट सरिता लिखुँ
ये एक गद्दी और गद्दे की खातिर लड़ते
मैं भारत के ऐसे वीरों की रचिता लिखुँ
सदियों से करते उत्पीड़न देव जगत में
मैं अहिल्या के दुखों की धारिता लिखुँ
फिर मेरे विचतल मन ने सोचा की मैं
राम के राज्य में रोती एक सीता लिखुँ
जर्जर हालत में अपने पन्नो को लड़ती
न्याया की चौखट पर बैठी गीता लिखुँ
जिससे हुआ था दो कुटुंब का सर्वनाश
मै एक जलती द्रोपदी की चिता लिखुँ
कपिल किस किसने बेटी सोंपी गैरों को
क्या ऐसे मजबूर भाई और पिता लिखुँ-
इतिहास गवाह है
कि होती रही है छेड़छाड़ इतिहास से
मिटा दिया जाता रहा है सबूतों को।-
उम्र कम है तो क्या हुआ
काम बड़े किया करते हैं
हम सुई की नोक से
इतिहास लिखा करते हैं...!-
एक स्त्री की बिवसता का...
आत्म सम्मान सब जला है,
दुनिया द्वारा दिये कटाक्ष को सहा है,
किसी ने नारी को, नारी की नज़र से नहीं देखा है..
बस! अपनी जरूरत समझा गया है..
न किसी ने उसके मन को समझा,और न ही उसे पढ़ा गया है,
फिर चाहे रामायण की हो सीता,या द्रोपदी हो महाभारत की..,
इन सबने भी इस पीड़ा को ओढा है!🙏
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इतिहास गवाह है कि
हर male, female के पीछे चक्कर काटता है
फिर भी female, male से कमजोर कैसे है?-
इतिहास गवाह है उस रक्त का ,जो इस मिट्टी में मिला है !
जाने कितनी शहीदों के लहू से स्वतंत्रता का फूल खिला है !
इस मिट्टी के स्वाभिमान की खातिर ,जाने कितनों ने बलिदान दिया!
मत आॅख ऊठा इस मिट्टी पर, इसके लिए मर मिटने का हमने ठान लिया!
इतिहास के पन्नों आज भी गवाह है ,उस रक्तरंजित शमशीर के!
मत भूल खुद निर्माता है भारतवासी, अपनी मिट्टी की तकदीर के !
मत भूल दुश्मन जब भी तूने अपना दोगलापन दिखाया है!
तब तब तुझे मिटाने वीर शिवाजी ,भगत, चंद्रशेखर जन्म लेकर इस मिट्टी में आया है!-