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१. निर्भयता
२. आत्मसंतुष्टि
३. आत्मनिर्भरता
४. भीतर से समृद्ध
५. आंतरिक प्रसन्नता
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आत्मनिर्भरता की परिभाषा
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मैं भी अमीर होता
थोड़ा बेईमान होता तो
आज एक राजनेता जरुर
होता पर मैं तो आत्मनिर्भर हूं
शायद इसलिए एक मजदूर हूं
जो जी रहा हूं मर - मर के पर
अपनी आत्मनिर्भरता से
सींच रहा हूं खेत खलिहान,
ओर जोड़ रहा हूं ईंट से ईंट
फिर भी मुझे आत्मनिर्भरता की
परिभाषा सीखा रही हैं हुकूमत
जो खुद आत्मनिर्भर नहीं बनीं है
आज तक-
ढ़कती रहती हूँ खुद को ,
हर नज़र की लूट से ..
महँगी है आत्मनिर्भरता ...-
दहलीज के आधार ,पर स्त्रियों पर
संस्कार के मानक तय हैं समाज के द्वारा ।
अच्छे घर की स्त्रियाँ
बसों पर धक्के नहीं खातीं ।
वे आत्मसम्मान के हेतु आवाज नहीं उठातीं
नहीं काटती चक्कर
थाने , कोर्ट-कचहरियों के ।
उनका कोई आत्मसम्मान ही कहाँ होता है
पुरुषों के बराबर खड़ी होतीं हैं वो ।
ऐसी स्त्रियों के लज्जा नहीं होती ।
अच्छे घरानों की नहीं होतीं हैं ना!
वे जो हंस-हंसकर
पुरुषों से बात करती है न !
न्योता होता है उनके लिए ।
अच्छे घराने की स्त्रियाँ
पराए मर्दों से बात नहीं करतीं ।
इनका धंधा ही यही होता है ।
मुंह ये मुँह अंधेरे उठकर
अपने बच्चों के लिए निकल पड़ती हैं
पर्स टांगे बस स्टॉप की ओर ।
कई नजरें पीछा करती है राह में ।
क्या पता कब इशारा मिल जाए
उन्हें हक़ जमाने का ।
या अवसर मिल जाए कि
वह ऐसी स्त्रियों को दंडित कर सकें ।
जो आत्मनिर्भर होती हैं ,
खड़ी होती हैं पुरुषों के बराबर ।.....-
यही मज़दूर है बुनियाद
जिनसे टिका देश अब तक,
मज़हबी दीवार गर होती
जल गए होते घर कब के!
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एक गहरी साँस लेकर खुद को तनाव
मुक्त कर लेना भी आत्मनिर्भरता है!-
आत्मनिर्भरता
आत्मनिर्भरता का क्या पाठ सिखाया मोदी जी!
अब तो बस सूत कातना बांकी रह गया है। अगर और तीन चार महिने ऐसा ही रहा तो हर घर साबरमती आश्रम बन जायेगा।
बांकी तो सब मैनेज कर लेंगे चिन्ता मुझे सिर्फ--------------- की है। उनकी तो अभी तक शादी भी नही हुई है।-
तुम सम्मान से जीने के लिए
बहुत जरूरी हो। तुम्हारे बिना
तो पशुवत जीवन है।-