सुनो, उस हसीं रात की वो अधूरी बात, अभी बाकी है
याद है ना तुम्हें, हमारी आखिरी मुलाकात अभी बाकी है-
तेरी यादों में ही डूबा रहूं मैं, अब ना ऐसी कोई रात होगी
ना सवाल होंगे, ना जवाब होंगे, ना तुझसे कोई बात होगी
तेरे लौट आने के इंतजार में, खुद को तबाह करता रहा हूं मगर
फैसला कर लिया है मैंने कि तुझसे ना अब कोई मुलाकात होगी-
निशां कोई छूट न जाये अब, फैसले बह न जाये जो लिये सख़्त ..
अब जो मेरे दिल ने दिमाग के कदमों पर चलना शुरू किया है,
तो बैरी ये आसमाँ यूँ बरस कर बिखेर न जाये सब !!-
तुमसे नजरें जो मिली दिल में तार सी चिड़ी..
और इन आंखों को सुकून सा मिला...
मन मस्त मगन सा हुआ और...
मैं पूरी की पूरी बावरी सी हुई.......❤️-
उस रोज़ से मुझे चाय से भी कितनी नफ़रत हुई होगी
जिस रोज़ बुलाकर चाय पर मुझे रुख़्सत किया उसने.......!
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اس روز سے مجھے چاۓ سے بھی کتنی نفرت ہویٔ ہوگی
جس روز بلاکر چاۓ پر مجھے رخصت کیا اس نے.....!-
सब्र रखो 'निहार' वो आखिरी मुलाक़ात भी होगी
मगर याद रखना, उसके बाद सीधा खुदा से बात होगी..-
उसके वो आखिरी शब्द आज भी याद है मुझे
अच्छा अब फोन रखती हूँ बारात आ गई है
अपना ख्याल रखना😔😔-
पता चला है.... वो किसी और कि फ़िज़ाओं में व्यस्त हैं.....
हमसे तो वो..... दिल बहलानें का काम लेते हैं-