मुहब्बत की कुछ ऐसी कहानी लिखेंगे ।
हम टूटे आशिकों की जबानी लिखेंगे।।
आंसू जो इस कदर बहाए हैं तुमने बस ।
तेरी आंखो का बहता पानी लिखेंगे ।।
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पता नही जब भी लिखते हैं अपनी कहानी ही लिखते हैं थोड़ी सी खुशियां जिंदगी भर की तन्हाइयां गिरता आँखों का पानी ही लिखते हैं... 😭
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साहब,
आप समुंदर की बात करते हो...!!
लोग तो आखों में डूब जाते हैं।।-
पता है लौट के नहीं आओगे तुम
फिर भी बैठें हैं खिड़की खोलकर
कहीं नजर आओगे तुम
कुछ चिढ़ा रहा है ये मौसम
पुरानी यादें और वो पुराना सावन
ये दिल और ये दिल के मालिक तुम
अब ये मौसम और इसमें तनहा हम
बेपनाह बरसात और खुली आंख नम
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बडे दिनो बाद एक याद ऐसी आयी।
फिर ना जाने क्यू आंख भर आयी
ऐसा लगे जैसे हर पल तन्हाई ।
आज फिर ना जाने क्यूं आंख भर आयी।-
कितना कम पानी बचा होगा उसकी आंखों में
जिस शख्स ने पहली बार पानी को बेचा होगा
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आँखें यूं ही इन्हें झील सी
खूबसूरत नहीं कहा गया है
पर यह कैसा छलावा है
गम हो तो भी छलक जाते हैं
खुशी हो तो भी छलक जाते हैं
फर्क बस एहसास का ही तो है
जो अपने थे वो समझ गए
जो बेगाने थे उन्होंने अनदेखा
कर दिया-
मासूम पलको पर तरस आने लगा है!!
भीग कर कहती है...
तुम्हे अब कोई याद नही करता..!!-
मुझसे इश्क़ न करना,
मुझसे एक चेहरा नूरानी रूठ चुका है।
तुम्हे रोना है रो लो,
मुझसे आंसुओं की उम्मीद मत रखना,
क्यूंकि मेरी आंखो का पानी तो सूख चुका है।-