बदलो में छुपा है
शायद उसे पसंद नही अब तारो की भीड़
उसे डर सा लगने लगा है कि कोई उस पर अपना हक जताने लगे है-
गुजारिश ये है कि
तुम इसे मेरी कमजोरी न समझना...!!
वो एक रिश्ता,जिसका अपना दस्तूर
चल रही थी गाड़ी होकर मजबूर
टूट गया आने से किसी के
इसमे न तेरा कसूर ना मेरा कसूर-
जब तक टूट नही जाती सांस
मिलेंगे किसी मोड़ पर अजनबी ही सही
ना होगा कुछ कहने को तुम्हारे पास न मेरे पास-
कलम ने गजब का कहर मचा दिया
जब हाथ से उसने हाथ छुड़ा लिया
खामोश रहते थे अक्सर सामने लफ्ज मेरे
बिछड़ते ही आंखों ने गजब का शोर मचा दिया...✍️-
मैं चुपचाप सुनता रहा..
उसको सुनने में मेरी खामोशी भी बहुत कुछ बया कर रही थी...
समझ आ रहा था उसे सब कुछ फिर भी
वो ना समझ होकर अपने दिल मे छुपे अरमान
लफ्जो में बहाता रहा..-
जितना था वो काफी न था,कमी तो कुछ थी जरूर
कुछ समझ ही न पाया,मैं नादान जो था हुजूर...
मोहब्बत करो तो निभाओ भी,यू न करना कभी खुद पर गुरुर
टूट चुका हूं बिखरना बाकी है,कोई तो मुझे समेटेगा जरूर...
खुद की खुशी के लिये, छीन ली खुशियां मेरी
मेरी हँसी में छुपी खामोशी को,कोई पहचानेगा जरूर...!!-
मुझको बस उनका प्यार चाहिये
नही आशिक़ी का बाजार चाहिये...
दो वक्त की रोटी किस्मत में रखना प्रभु
साथ मे बस दाल और अचार चाहिये...
पुंजता नही कोई ईश्वर को खुशियों में
थोड़ी बहुत मजबूरी की मार चाहिये...
ज़िन्दगी तेरे हवाले है भगवन
बस उसे निखारने के लिये
"माँ-बाप"
जैसा कुम्हार चाहिये..!!-
ना जाने कहा ले जा रहे रास्तें...
होता अगर कुछ होश
तो
मंजिल तक पहुँच न जाते...-
क्या सफर इतना लम्बा जरूरी है...
दो पल का ही साथ हो
मगर
यादगार हो...!!-
कल तो अजनबी है उससे पहचान जरूरी है,
बेख़बर मुसाफिर राह में ठोकरे भी ज़रूरी है...!!
ना कर फिक्र बस चलता चले जा ऊंचे पहाड़ों भरी राह पर,
तीर कमान पर चढ़ाया है तो निशाना साधना भी जरूरी है...!!
मिलेगी मंजिल या तजुर्बा नया जिंदगी में सफल होने का,
सफलता के लिए थोड़ी कठिनाई महसूस करना जरूरी है...!!
कल की फिक्र में आज का सफर ना रोकना मुसाफिर,
कल अजनबी है तो उससे मुलाकात कर नजर मिलाना जरूरी है...!!-