परत जितनी भी चढ़ा ली, सच फिर भी छुप न पाया
किरदार झूठे धरे रह गए,असली चेहरा निकल ही आया-
भईयो जरा संभल के
दोस्ती हो जब कर्म-जली
जिन्दगी हो जाये नाश पिटी
इन्द्राणी जब बन जाये मुखर-जी
हो जाये मसखरा रिश्वत की दो कप कार्ति चाय का
पी-ड़ित चि-खे दं-म का भ-रम
अब होगी फीता कटाई सी-बी-आई की
फख्र होगा जेल को भी अपने ऊंचे-स्तर पर
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
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जरूरी तो नहीं जो साथ हो
वो साथ ही है
कुछ रिश्ते,
बिना साथ के ही साथ दे जाते हैं-
अगर इंसानियत तुम में अब भी जिंदा है तो,
वो बनो जो तुम होने का दिखावा करते हो।-
मेरी नीयत के बारे में इतना सोचने लगी क्या बात है,
लगता है तुम्हारी सोच की नीयत का चेहरा साफ हो रहा है।-
लापरवाही भली है हमराही..
ए दिल
परवाह करो तो..
लोग भाव खा अपना असली चेहरा दिखाते हैं..
लोग सस्ता समझ बहुत बेकद्री करते हैं..✍🏼🐦-
जब दिखाया कुछ अपनो ने अपना असली चेहरा..
थी जब आस उनसे थोड़े सहारे की..
अंजान बन चले गये छोड़कर साथ मेरा..
करना पड़ा सामना मुसीबतों का अकेले जब..
था तभी..
ज़िन्दगी की जानिब, वो पहला क़दम मेरा..।।-
भूमि बंजर बता दर किनार करता रहा हौसला;
और...
अंदर ही अंदर मोतियों की सुरंग खोद ली उसने!
पढ़ उसे कई रातें बैचैन,हुई परेशान,
एक चेहरे के पीछे ये कैसा दोगला इंसान?-
शुक्रिया ज़िन्दगी तूने जीना सिखाया,
लोगो का साथ ना सही लेकिन असली चेहरा दिखाया।-
जो लोग खुशबू की तरह महका करते है अक्सर वही
लोग अपने चेहरे का असली रंग दिखा कर जाते है।-