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एक कानून तो ऐसा हो,
जिसमें अपराधी के सभी गैर कानूनी सम्पत्ति,
पर अधिकार सरकार का हो?
सरकार कब तक आम जनता का खून चुसोगे?
अपनी भलाई के लिए अपना ही पैसा,
आपको देता एक आम आदमी।✍️-
मेरे प्रेम की हत्या की दो कोशिशें हुईं
पहली चाहत ने की, और दूसरी मैंने।-
अपराधी और शक्तिशाली लोग सम्पन्न और प्रभावशाली हो रहे हैं और इन्हीं का बोलबाला है।।
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कठघरे में खड़ी मैं
रोज ही अपनी अस्मिता पर
उंगलियाँ उठती सहती हूँ ।
माँ कहती है धीरज रखो ,
कैसे सहूँ प्रतिदिन स्वयं पर
बदनामी का कीचड़ उछलते हुए
प्रतिदिन तार -तार होती हूँ ।
मेरा कोई अपराध नही
फिर भी समाज में
अपराधी बन जीती हूँ ।
पुनः सहने के लिये वही सब
अपने सिसकते हुए अंगों पर
प्रतिदिन औषधि रखती हूँ ।
बस यही कामना मेरी
मुझ-सा दर्द न मिले किसी को
जिन घावों को मैं सीती हूँ ।
मेरा कोई दोष नही माँ !
फिर क्यों अपराधी बन जीती हूँ ?-
रूप बदल बदल कर सामने आने वाले
खौफ खा...तेरे चर्चें अब हर जुबां पर है
तू खुद को मासूम ना कह
तेरे किस्से अब थानों में हैं
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नेस्तनाबूद कर दिया बाल ठाकरे के आत्मसम्मान को।
उद्धव ज़हर क्यूँ नहीं दे देता, ऐसे कलंकित संतान को।।-