राह सड़क चौराहे पर दिखा न कोई दब
सौंदर्यता से भरे पूरे अच्छे ही दिखे सब
फ़ेसबुक इंस्टाग्राम की बातें ही ग़जब
रिश्ते ढूंढकर देखा तो परेशानी का सबब-
हम तन्हाई पसंद इंसान हमें तन्हाई पसंद है।
वो बात अलग है कि उसको जुदाई पसंद है।।
कितनी बार करें उससे वफ़ा की उम्मीदें।
इस बदलते दौर में उसे भी बेवफ़ाई पसंद है।।
हमने बहुत बताया भटके रास्ते से हटना।
पर उसको उसी रास्ते की रहनुमाई पसंद है।।
बहुत अच्छा है कायदे में खुल कर जीना।
पर उसे अभी भी हरकते हरजाई पसंद है।।
कुछ सहेलियां हैं उसकी इंस्टाग्राम पर एक्टिव।
और उसको उसी रास्ते की अफजाई पसंद है।।-
तेरा Attitude मुझे तुझसे कुछ ऐसे दूर कर देता है।
जैसे Aluminium को Gallium भंगूर कर देता है।।-
एक उम्र थी जब सब कुछ अच्छा लगता था
एक उम्र है अब कुछ भी अच्छा नहीं लगता-
एक ही पड़ाव तक सीमित नहीं होता है प्यार
प्यार होने की आज कल कोई उम्र नहीं होती-
अब इश्क़ के लिए दिल में ख़यालात ना रहें
अब वो बात ना रही और वो हालात ना रहें
उसने कहा अच्छा होगा ज़िंदगी के लिए
कि अब हम एक दूसरे के साथ ना रहें-
मेरे प्यार रूपी protein के लिए Protease बनकर आई
मेरे ख्वाहिश रूपी Fats के लिए Lipase बनकर आई
मुझे love को बचाना था किसी भी Breakdown से
वो Carbohydrates जैसे प्यार के लिए Amylase बनकर आई-
शबीना अदीब के बहुत ही मशहूर ग़ज़ल का एक शेर उससे ज्यादा मशहूर है और उन्होंने कितना सही लिखा है, मुझे लगता है ये बात हजारों साल तक प्रभावशाली रहेगी क्योंकि ना तो कभी दुनिया में नीच की कमी होगी और ना ही कभी नीचता ख़तम होगी, तो शेर इस प्रकार है कि
जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना,
तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है।
ज़रा सा क़ुदरत ने क्या नवाज़ा के आके बैठे हो पहली सफ़ में
अभी क्यों उड़ने लगे हवा में अभी तो शोहरत नई नई है।
बीती रात ये देखने को मिला की किसी
का तेवर उसकी परवरिश का परिचय दे रहा था।-
कल के मैच में जैसे ही विश्वविजेता महेंद्र बाहुबली धोनी का आगमन हुआ पूरा स्टेडियम मतलब लाखों लोग उनके स्वागत एवम आने की खुशी में खड़े हो गए और ये चीज सभी जगहों पर देखने को मिलती है तथा ऐसा दृश्य देखकर यकीन नहीं होता कि कोई आदमी इतना प्रसिद्ध एवम प्रभावशाली कैसे हो सकता है। विश्व क्रिकेट के इतिहास में आजतक कोई इतना प्रसिद्ध नहीं हुआ और ना ही कभी होगा क्योंकि सहस्रों में एक बार पैदा होते हैं धोनी जैसे महानायक विश्व क्रिकेट के गौरव, संपूर्ण विश्व को तीन बार और करोड़ों दिलों को बार बार जितने वाले महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के बाद आने वाली पीढ़ियां सच में इस बात को यकीन नहीं कर पाएंगी की हाड़-मांस से बना ऐसा भी व्यक्ति कभी क्रिकेट की धरती पर आया है जो पूरी दुनिया पूरा ब्रह्मांड जीत कर बैठा हो। आज "कर लो दुनिया मुठ्ठी में" का सबसे पहला एवम आखिरी उदाहरण महेंद्र सिंह धोनी हैं।
आज ख़ुद क्रिकेट का कद धोनी के कद से काफ़ी छोटा है। जैसे माता पिता, परिवार, गुरु और भगवान के बारे में लिखने के लिए शब्द नहीं हैं वैसे धोनी के लिए भी मेरे शब्दकोश में शब्द नहीं हैं किन लफ्ज़ों में उनकी प्रसंशा लिखूं मेरे पास उनकी प्रसंशा के लिए कभी भी पर्याप्त शब्द नहीं होंगे। हे क्रिकेट के महानायक आपको खेलते देखना मेरी ज़िंदगी के सबसे अनमोल पल है।-