QUOTES ON #अपमानित

#अपमानित quotes

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आज इन नैनों नें "सीता" को
निज सम्मान हेतु
"सीता" से ही लड़ते देखा।

स्वयं "सीता" नें ही लगाया कई लांछन
और "सीता" को ही
मौन खड़ी सुनते देखा।

"सीता" जीत भी जाती संपूर्ण जग से
परंतु उसे अपनें ही
काया के समक्ष बिख़रते देखा।

स्वयं "सीता" नें ही सह दिया समाज का
और "सीता" के ही
आँचल को दागों से भरते देखा।

उस बावली को असहाय बन असमंजस में
स्वयं से गले लगकर
शब्द रहित बिलखते देखा।

अति निश्छल घायल व्यथित मन से 'हृदय'
रक्त अश्रुओं को
"सीता" के नैनों से बहते देखा।

आज इन नैनों नें "सीता" को
निज सम्मान हेतु
"सीता" से ही लड़ते देखा।
-रेखा "मंजुलाहृदय"

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3 APR 2019 AT 19:37

जिस ऊंचाई से तुनें मुझें
एक दिन अपमानित किया था
याद रख उस ऊंचाई से ऊंचा पैमाना
एक दिन मेरे कदमों में होगा ।

लेखक - योगेश हिंदुस्तानी

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14 JUN 2019 AT 0:43

क्या कहें पैदा होती बच्ची को,
वो पैदा न हो या फिर कोख में ही मर जाए,
खत्म पैदाइश जब उसकी हो,
तब दुनिया का ही चक्र कैंसे चल पाए।

आखिर क्या गलती थी उसकी,
जो हर बार अपमानित ही हो जाए,
पैदा होकर क्या गुनाह किया,
उसका दर्द भी दिलों से फनाह हो जाए।

अपराधी अपराध करके भी,
सिर ऊँचा करके बस हमेशा चलता जाए,
और वो अपराधी न हो कर भी,
सूली पर बेवजह ही यों चढ़ती जाए।

हे भगवान् ! अब आप ही न्याय करो,
ये दर्द अब और सहा न जाए,
इस कलयुग में कुछ तो उपकार करो,
बस ये अन्याय अब खत्म हो जाए।

सुना है तेरे घर में देर है, अन्धेर नहीं,
बस यहीं बात कुकर्मियों को समझ आ जाए,
आसमान पे जा बैठे अपराध करके भी,
सिर से पैर काँपे, अपनी कोख को न लज्जित कर पाए।

क्या कहें पैदा होती बच्ची को,
वो पैदा न हो या फिर कोख में ही मर जाए,
खत्म पैदाइश जब उसकी हो,
तब दुनिया का ही चक्र कैंसे चल पाए।

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30 DEC 2020 AT 8:24

कुछ स्त्रियां सम्मान के अभाव में
खो देती हैं अपनी सहनशीलता
और अपना लेती हैं
विरोध और विद्रोह का रास्ता,
वह स्त्रियां अपमानित होती हैं समाज में
परंतु नहीं देखा जाता उनका इतिहास
वह खुद ही खुद में संपूर्ण होती है...।

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15 JUL 2020 AT 0:45

मुझे पसन्द करने वाले ,
कम ही हैं,
क्योंकि,👦👹
मेरे आगे कोई टिक नही सकता,,
केवल मैं ही सच्चा हूँ,
बाकी सब झूठे हैं।

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22 APR 2019 AT 13:54

एक औरत के लिए अपमान,
दुश्मनी से बढ़कर होता है..
वो अपने अपमान का बदला लेने के लिए
किसी भी हद तक नीचे गिर सकती है..!

इसलिए, किसी औरत का अपमान न करें,
औरत को अपमानित करने के बजाय हमेशा
उसका सम्मान करें, आप हमेशा सम्मानित रहेंगे..!

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दुरावा वाढत गेला तस असलेल नात ही सुटले...
दुराव्याला होत मात्र एकच कारण नेहमी माझे
शब्द त्याने दुसरयांन साठी अपमानीत केले....

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कितना कुछ सहते हैं
मां-बाप बच्चों की खुशी के लिये
और बदले में क्या मिलता है उनको
तिरस्कृत जीवन और अपमान के कड़वे घूंट

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पूज्य अटल जी को समर्पित
आप छोड़ चल क्या दिए, लोग मनमाने हो गए
वंशज को ज़ुल्म की अग्नि,खुद मतवाले हो गए
जुगलबंदी बना लिया गया हिन्द के पवन भूमि पर
देखते ही देखते अपनो के, दिन काले हो गए
कैसे भुला दे आपके अनमोल शब्दों की मर्यादाओं को
जिसे अपना काहे थे आप, वही घात के पैमाने हो गए
गोविन्द उपाध्याय

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14 JAN 2020 AT 9:36

Iiii

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