तेरी सारी फ़रमाइशें मुझे याद हैं
मेरी जान क्या तुझे भी मेरा नंबर याद है।-
हर आम और ख़ास परेशान है,
अपनी ख़्वाहिशों से,
काश ये सितंबर पूरी करे,
पूरी क़ायनात की फ़रमाइशें,
जीवन में घुली ख़्वाहिशें,
सपनों में मिली ख़्वाहिशें,
संबंधों में पली ख़्वाहिशें,
पूरे जीवन पर आच्छादित है,
ये ख़्वाहिशों का अम्बार,
हमारी तुम्हारी हम सबकी,
ख़्वाहिशें!!
सिद्धार्थ मिश्र-
फ़रमाइशें न पूरी कर ऐ ज़िन्दगी।
मगर जिसे दिल से चाहा उसे तो मिला दे।-
लग कर गले तेरे, तेरी ही शिकायतें करू
तेरे सामने मैं तुझसे तेरी ही फ़रमाइशें करू।-
ये बंदिशें ये साजिशें
ये तेरे दिल की ख्वाहिशें
बढ़ रही है पल पल
ये तेरी फ़रमाइशें।-
सुबह की जरूरत क्या, जब तुम साथ हो।
दिल की फरमाइश क्या, जब तुम साथ हो।
रात सोचते गुजरेगी,
की तू सपने में आएगी, अपना हक़ जताएगी।
तेरा मैं हूँ कौन, जरा पास आकर बताएगी।
रात सोचते गुजरेगी,
एक जिंदगी है, सौ ख्वाहिश है।
जब तुम साथ हो तो और क्या फ़रमाइश है।-
खता थी मेरी तो सजा देते साहब...
यूँ फासला रख मौत की फ़रमाइश जरूरी है क्या ??-