भुना हो सुरुज देवा।
जब तक लावा न फुट जाइ।।-
geography.
Preparing for UPSC examination..
Writer......love,, life... etc
मैं कोई क... read more
"राजा बोला रात है,
रानी बोली रात है,
मंत्री बोला रात है,
संत्री बोला रात है,
यह सुबह-सुबह की बात है..!!-
खुले आँख से ख़्वाब जो देखे,
बंद करते ही सब टूट गए।
एक सपना को पूरा करते करते,
कई सपने अधूरे छूट गए।-
तो रात हुई।
कुछ सुक़ून के पल मिले।
गहरी अन्धेरी सौग़ात मिले।
कुछ परिंदे घर वापस आये।
बाकियों ने जान दाव लगाए।
रात अभी अभी तो गहरी हुई।-
जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिये
आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिये
जो बदल सकती है इस पुलिया के मौसम का मिजाज़
उस युवा पीढ़ी के चेहरे की हताशा देखिये
जल रहा है देश यह बहला रही है क़ौम को
किस तरह अश्लील है कविता की भाषा देखिये
मतस्यगंधा फिर कोई होगी किसी ऋषि का शिकार
दूर तक फैला हुआ गहरा कुहासा देखिये.-
टहनियाँ टूट जाएगी,
तना भी उखड़ जाएगा,
पर ये जड़ अंत तक,
तुम्हारा साथ निभाएगी।
खुद डूबकर, तेरी नैया को,
मझधार के पार लगाएगी।-
दोस्त है दोस्ती निभाता है।
कभी हंसाता है, कभी रुलाता है।
बुरे वक्त में साथ रहता है।
अच्छे वक्त में खुल कर सुनाता है।
जब उनसे दूर जाओ तो,
पहले ढूंढता है, फिर लतियाता है।-
अहले इश्क़ की उसने, ऐसे दवा दिए।
मेरे इश्क़ के जुनून को, अपने इश्क़ से बुझा दिए।
हम उनकी तरफदारियाँ करते रह गए।
उसने खुद की शर्तों पर, हमको सज़ा दिए।-
चाहे उम्र कोइ भी हो,
तर्ज कोई भी हो,
मर्ज कोई भी हो।
दर्द छुपाकर अपने अंदर,
हर फर्ज निभाना पड़ता है।
हर कर्ज चुकाने पड़ता है।-
घर के दीवारों पर,
चौक चौवारों पर,
लिख दूँ तुम्हे, की
कोई तुम्हे भूल ना सके।-