Aradhya Raghuwanshi 1 MAY 2020 AT 12:15 हर किसी से उलझने की आदत नई लगी हैजब तहकीकात की तो पता चलाउनके जाने के गम में मेरी लाश मेरे ही अंदर पड़ी है - Aradhya Raghuwanshi 29 AUG 2021 AT 22:05 किस्मत की लकीरों से शिकवा नहीं मुझेग़म तो सिर्फ इस बात का है सर आंखों पर रखनेवाले मां-बाप भी चुप रह गए मेरे ज़ख्म देखकर - Devvrat Sharma 26 JUL 2019 AT 19:53 तेरे बगैर अकेला कहाँ हूँ मैं सब तो हैं यहाँ हिज्र के ग़म वस्ल की यादें सब तो हैं यहाँ।। - taslim pathan 6 OCT 2020 AT 14:52 ऐ -ग़म तू यूँ आ बसा है हमारे शहर मेंतेरी दहर के लोग कहा जाकर बस गए - Ek Anjaan Shayar 24 JUL 2020 AT 9:06 तकलीफ़ तो सबको है कोई न कोईसिर्फ ख़ुशियाँ ज़िन्दगी में किसे मिल पाई है??हमें तो जीना ही है हर हाल में यहीं परतो फिर मुस्कुराकर जीने में क्या बुराई है॥ - Ashish Awasthi 13 JAN 2018 AT 12:37 उनके चुप रहने से ग़म-ए-दिल कम नहीं होतामेरा ख़ामोशी पढ़ने का हुनर दर्द बहोत देता है।। - PraGati PaNdeý 28 APR 2019 AT 23:17 ग़म कहता है खुशनसीब हूँ मैं,मैंने खुशियों को अक्सर उदास देखा है। - Anu Chhangani 12 AUG 2019 AT 8:19 प्यार-पहरा,वस्ल-विरह,ग़म-गुमां सब कुछ तो था,सो रुकी रही मैं वहीँ,जहाँ से तुम लौट आए जानां । - Jajbaat-E- Khwahish 29 MAR 2020 AT 20:38 उड़ गए सब परिंदे तेरे रूख से खिज़ा ,ग़म शाखों का फिर भी हल्का न हुआ। - Ashish Awasthi 27 JAN 2018 AT 13:15 कौन कहानी पूछेगा अब कौन करेगा बात यहाँजिसको देखो वो ही अपने ग़म का मारा लगता है।। -