QUOTES ON #क़हर

#क़हर quotes

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12 JUL 2020 AT 12:16

वक़्त लेकर आया है जो , तारीकी का क़हर साथ अपने,
हमारे ज़र्फ़ के सामने ,उसे मुक़म्मल तब्दील होना होगा।

बख़्शिश में ख़ुदा हमें शफ़्फाफ़, सरशार हयात से नवाज़े,
गाफ़िल न होकर फ़रागत के लिए,शिद्दत से माँगना होगा।

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12 JUL 2018 AT 0:13

कुछ इस क़दर ख़ुशनुमा बना देती है वो मेरी हर सहर
कुछ नहीं बिगाड़ पाता वक़्त का बड़ा से बड़ा क़हर

देखूँ, चूमूँ, या रख लूँ छुपाकर उसे सारी क़ायनात से
वो है मेरी साँसों की सरगम वो है ख़ुदा की हसीं मेहर

- साकेत गर्ग 'सागा'

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13 JUL 2017 AT 22:09

ख़ामोश लोगों का इक शहर देखा है
भीड़ में भी सुनसान मंज़र देखा है

हैवान का डर नहीं लगता अब मुझे
कुछ रोज़ मैंने इंसानी कहर देखा है

बेइंतहा नफ़रत, नापाक इरादे लिए
रूह तक फैलता इक जहर देखा है

महज़ कौम के नाम गले काट दे जो
बाज़ार में मुफ़्त है, वो खंज़र देखा है

जिसे दरीचों के लुत्फ़ का शौक है
उस शख्श को फेंकते पत्थर देखा है

बहोत तड़पती हैं राख होके रूहें
मैंने लाशों के गले लग कर देखा है

मेरा ज़मीर अब चिल्ला के रोता है
हां मैंने झांक के अपने अंदर देखा है।।

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29 JUN 2021 AT 0:02

दोस्तों इस कोरोना कहर
के समय आप वैक्सीन
जरूर लगवाएं। अफवाहों
से सावधान रहें।

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29 JUN 2021 AT 14:34

राज जाहिर ना होने दो
तो एक बात कहूं,
धीरे-धीरे हमारा जीवन
अपनों के तानों के बीच बीतेगी ।

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28 JUN 2021 AT 13:27

छाया हैं इस कदर कहर,,
हर तरफ दूरी,,
अकेले ज़ीने और रहने का लहर!!

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30 APR 2021 AT 15:04

१२२२ १२२२ १२२२ १२२२
वबा ऐसे जहां में फैल जाएगी न सोचा था
कि धोखा मौत से ये ज़ीस्त खाएगी न सोचा था /१/

घुला है ज़ह्र ये कैसा दवा भी बेअसर अब है
दिले-ख़स ज़ह्र को ऐसे मिलाएगी न सोचा था /२/

अदू का रूप कोई भी न देखा आज तक फिर भी
नयन से नींद को ऐसे उड़ाएगी न सोचा था /३/

तकाज़ा वक्त का ऐसा मिले अपनों से भी डर के
घरों में बंद अपने ही कराएगी न सोचा था /४/

चलें हम साथ मिलकर ख़त्म भी दुश्मन तभी होगा
फ़क़त ये मौत का जलवा दिखाएगी न सोचा था /५/

है टूटी साँस जिनकी भी नहीं फिर लौट आएगी
जगत से ये गुहर को यूँ चुराएगी न सोचा था /६/

कहाँ जाएँ कहाँ छोड़ें समझ ये भी नहीं आता
ये ऐसे हर जगह डेरा जमायेगी न सोचा था /७/

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4 NOV 2020 AT 17:22

कभी-कभी ही सही, छुपा लिया कर तेरे मुखड़े को
कोरोना से कही ज्यादा, क़हर है तेरा, शहर में गोरी

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29 JUN 2021 AT 7:15

महामारी ने दुनिया मे क़हर था ढाया ,
जिसके ख़ौफ़ से हर तरफ़ सन्नाटा छाया,
गली कूचे बाज़ार सब चाक चौबंद थे ,
कुछ अस्पतालों में कैद थे, कुछ घरों में बंद थे,
दो लहर आ कर बहुत कुछ तबाह कर गई,
कितने ही घरों में ,अँधेरा कर गई ,
अब तीसरी लहर की तैयारी है ,
देखते हैं अब किस किस की बारी है।।
पूनम आत्रेय


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