महामारी ने दुनिया मे क़हर था ढाया ,
जिसके ख़ौफ़ से हर तरफ़ सन्नाटा छाया,
गली कूचे बाज़ार सब चाक चौबंद थे ,
कुछ अस्पतालों में कैद थे, कुछ घरों में बंद थे,
दो लहर आ कर बहुत कुछ तबाह कर गई,
कितने ही घरों में ,अँधेरा कर गई ,
अब तीसरी लहर की तैयारी है ,
देखते हैं अब किस किस की बारी है।।
पूनम आत्रेय
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