मुरादों के
लड़ने चलें उनसे जो बने फ़ौलादों के-
इश्क़ में बेवफ़ाई देख कर
पहले ख़ूबसूरत होता है इश्क़
बाद में काँटे नज़र आने लगते है-
न ही होश रहा है और न ही ख़बर दे रहा है कोई
मरीज़-ए-इश्क़ हो गया हूँ मैं नज़र दे रहा है कोई-
होंठ उसके देख कर मैं गिर रहा हूँ हर तरफ़
इश्क़ करके इश्क़ से मैं घिर रहा हूँ हर तरफ़
होश खोया चैन खोया जबसे उसको दिल दिया
इक नशा सा साथ लेकर फिर रहा हूँ हर तरफ़-
लिखने का शौक़ हमें यहाँ ले आया
वरना लिखते तो हम पहले भी थे
अध्यात्म में जब उतरे तभी जागे
कहने को "अनिता " जागे तो पहले भी थे-
होश तो उनके ठिकाने तब आऐगें,जब गैरों में चाहकर भी अपना ना ढूँढ पाऐगें.....
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कोरोना की जाल में फस गए ना
बोला था ना मार्क्स जरूर लगाना
और घर से नहीं निकलना l-
कॉफी से ज्यादा असर तो दीदार-ए-यार में है
कमबख़्त नींद तो उड़ती ही है होश भी कहाँ बाकी रहता है !!-
#पागल_सी
मुझको मुझसे ही चुरा लिया है और पूछते हो कि आजकल कहाँ खोए रहते हो....
मेरी रूह में अपने इश्क का खुमार चढ़ा दिया है और कहते हो आजकल क्यों ख्वाबों में सोए-सोए से रहते हो...-