बेसब्री का आलम है
बदतमीजी का घेरा।
तू नही महफूज यंहा
सिर्फ कंजरों का डेरा।।
बाबा बन कर लूट रहे
कहते सच्चा डेरा।
कँहा गई इंसानियत
क्या जहां हो गया बहरा??
रुकते नही के बांध लें
सर पर शादी का सेहरा।
सेहरा बांध बन्ध जाएंगे
कर रहे घरों में अंधेरा।।
-
" थोडा सा मासूम, थोडा सा बेबाक है
कुछ कम बोलता, पर उसकी खामोशी मे न जाने कितने सवाल है,
थोडा मूडी, थोडा मन की करने वाला इंसान है,
वो मेरा महबूब सबसे कमाल है.....!!!! 😊-
ध्यान रखें-
बेहतर लव* से बेहतर हेट* हो जाने के बीच बहुत कम फासला होता है।-
जो रातें तुम्हारे थी, उनमे सोया न करता
जो रातें मेरी थी, तुम्हें पाया यहीं करता
तुम आज भी होती, तो ये हिसाब न करता,
रातों और सुबहों का ख्याल ना करता,
हिसाब तो हमेशा मैं काहिल सा करता था
लोग समझते दो हमको,
मैं हमेशा एक ही समझता
- यश कृष्ण-
यार एक बात बताओ तुम जो मेरे फ्रेंड हो।
कैसे कर लेते हो ये सब? आंख मूंदकर सामान्य जीवन यापन उस संग्राम के बीच में, जो लड़ा जा रहा है ये कह कर कि तुम खतरे में हो।
क्या पिलाते हो अपने अंतर्मन को कि चैन से सो जाता है? कौन से ब्रांड का च्यवनप्राश चमड़ी को मांसाहारी घृणा से बचाता है। तुम्हारे इन्स्टाग्राम से तुम्हारी उम्र का पता ही नहीं चलता।
इधर मैं कंकाल हो चला हूं और कुछ समझ में नहीं आ रहा। खोखला हूं अंग मेरे गिर रहे हैं टूट कर।
मदद कर दो थोड़ी हो सके तो।-
इतना भी ना बरसना की मासूम सा दिल टूट जाये
भीगी भीगी पलकों को भी कैसे छुपाये
दो बूंदों की साजिश में कही रूह तड़फ ना जाये
ये सावन की घटा, कई तुमसे नफरत ना हो जाये-
की जो तू सुकून ढूंढ रही है किसी और मे
बस एक बार मुझे आजमा कर तो देख।
सुकून तो बड़ी छोटी सी चीज है
बस एक बार हमसे दिल लगा कर देख।-
ख्वाहिश नहीं की, की कुछ अच्छा मिल जाए
बस एक सच्चा दिल चाहता था,
पर शायद ऊपरवाला उसे,
मुझसे ज्यादा जानता था।-