मेरी जिंदगी में भी हजारों मसले हैं,
लेकिन तुम समझ पाओ तो बात बढ़ती ही नहीं,,,!!! ✨🥀-
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Pratilipi writer
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" जब तुम्हें लगे कि तुम खो रहे हो खुद को,,,
आ जाना करीब मेरे,,,
तुम्हारा माथा चुम लूंगी मैं,,,
तुम्हें बांहो में भरकर कहूंगी
हां मैं हूं तुम्हारी,, तुम्हारे साथ हर पल,,,
जब तुम मिलोगे मुझसे,,
समेट लूंगी एक मुलाकात में,,,
महिनो का प्यार,,,
और उस एक स्पर्श में भर लूंगी,,
अपनी और तुम्हारी बेशुमार चाहत,,,
जब लौटूंगी वापस तुमसे मिलकर,,,
तो बस एक हल्की मुस्कान के साथ,,
तुम्हें बाय कहूंगी,,,
तो मेरी नम आंखे होगी,,,
पर जानती हूं तुम अपनी हथेली में भरकर मेरा चेहरा चुम लोगे,,
तो मैं तुमसे विरह के उस दर्द को जरा भूल जाऊंगी कुछ पलो के लिये,,,
मगर तुमसे लिपटकर रो दूं तो सम्भाल लेना मुझे,,,
क्योकि जानती हूं कि तुमसे बिछडूंगी तो नही,,,
तुम्हारे साथ,, तुम्हारा साथ हर पल रहेगा,,,
लेकिन तुमसे मिलकर तुमसे दूर जाना,,,
मेरे लिये दर्द से भरा होगा,,,
क्योकि इश्क में बिछडने और खोने का ही डर होता है,,,
वरना वो इश्क, इश्क कहां होता है,,
जहां जुदाई पर आंसू ना निकले,,
मैं भी हंस लूं और तू भी हंसे,,, तू भी हंसे,,,,,, "-
" दिल तो लगा लोगे तुम किसी ओर से,,
पर मोहब्बत नही कर पाओगे,,,
हां मिल तो जाएगे तुम्हें हजारो हसीन चेहरे इस जहां में,,,
पर जान,,,,, मुझसा चाहने वाला नही ढूंढ पाओगे,,,, "-
" तुम्हें कब पाया है मैंने,
मगर फिर भी दिल तुम्हें खोने से डरने लगा है ,
मैंने दिल को हजारों दफा कहा है,
कि इतना परेशान नहीं होते ,
पर यह हर वक्त तुम्हारे ख्यालों में ही रहता है
इसलिए कभी बेचैन तो कभी खुश रहता है ,
मैं नासमझ हो गई हूं तुम्हारे इश्क में सुबह की पहली याद,
और रात की आखिरी बात तुम ही हो गए हो मेरे लिए,
तुमसे बातें करना मुझे सुकून देने लगा है,
तुम्हारी तस्वीर को सीने से लगाकर तुम्हें अपनी बाहों में महसूस करना,
मुझे रूहानियत महसूस करवाता है,
हां तुम्हारा मेरी रूह से मुझसे रिश्ता सा बन गया है,
एक उलझन में रहता है दिल मेरा,
तुझसे इतना प्यार कैसे हुआ मुझे,?
मगर जवाब तो होता ही नहीं ना इश्क में,
यहां तो लोग मोहब्बत करके भी पूछ लेते हैं,,
कि यह प्यार कैसे होता है,,,,,"-
" इश्क - मोहब्बत की बाते मुझे किताबो में अच्छी लगती है,,,
सच्ची मोहब्बत को हमेशा मैने रोते हुए ही देखा है,,,"-
" बंद आंखों के पहरे में,
मुझे वह शख्स बार-बार दिखाई देता है,
उसे पा लेना मेरी चाहत नहीं,
पर उसके इश्क को दिल में मुकम्मल रखना,
यह ख्वाहिश लिए उसकी मोहब्बत
दिल की चौखट पर हर रोज सजदा करती है,, "-
" वक्त - ए- ख्वाब सजाए थे गालिब,
उनको पूरा करने की जुस्तजू आज भी बरकरार है,
कुछ सपने सुहाने से इन आंखों में जिंदा है,
कुछ ख्वाबों का मरने के बाद भी आंखों में पहरा आज भी बरकरार है,
दिल में दस्तक दी है एक नई उम्मीद ने,
कुछ कर दिखाने का हौसला आज भी बरकरार है,
यूं ही तो नहीं टूट जाते कांच के खिलौने हाथ में लेने से,
जख्म और दर्द देने की हैसियत उनमें भी बरकरार है "-
" जरूरी नहीं मैं तुमसे मोहब्बत करूं, तो तुम भी मुझसे मोहब्बत करो,
मोहब्बत तो बस एक ला- इलाज बीमारी है,,,
किसी की मुकम्मल हो जाती है इश्क की दास्तां,,,,
ना हो यह दास्तां मुकम्मल तो दिल में उठ रही कसक कयामत से भी भारी है,,,, "-
" मेरी पहली गुरु हो आप,
मेरी मोहब्बत हो आप,
पहली मोहब्बत वैसे तो पापा होते है हर लडकी के,
पर सबसे प्यारी सखी हमारी,,,
सबसे खास हो आप,,,, "-