हे परब्रह्म परमात्मा!
शरीर चाहें कितने कष्ट ले!
सिर्फ़ ख़ुश रहें यों आत्मा!
ज्ञान मान और सम्मान की
गंगा बहे पवित्र प्रेरणा की!
जिससे सबका भला हों!..
यहां जहां और संसार में!..
आनंद मैं भारत में विश्व में
विश्व गुरु हों! हिन्द भारत!..
.........................................-
तेरा रस्ता तकते तकते मर जायें
ऐसा ना हो मरते मरते मर जायें,
मेरे साथ हुआ जो सबके साथ में हो,
इश्क़ करें और सब जीते जी मर जायें,
ज़ीस्त का जैसा मंज़र मैंने देखा है,
क़ज़ा जो देखे वो भी डर के मर जाये,
फ़ित्ना फंक फरेब और फिर बदनामी
इश्क़ से कह दो जाके कही पे मर जाये,
वफ़ा की बातें करते हो तुम रहने दो,
ऐसा ना हो, हम हँस हँस के मर जायें,
ख्वाहिश है कि ख़्वार हिन्द की माटी में
सो जाएं और सोते सोते मर जायें
मुझको जिंदा लाश बना कर रोती है,
उससे कह दो मरती है तो मर जाये,
ख़्वार'©
-
क़दे जन जन का कर्या सम्मान पूर्व भारत में
आज क्यों भूल गया हर इंसान न्यू भारत में।-
गिरती हुई अना-ए-हिन्द को यार जकड़ लो
फिर एक बार हुक्मरानों की गर्दन पकड़ लो
क्यों बिक रहा है वतन मिट्टी के मोल यूँ
आओ चलो ये सियासती व्यापार पकड़ लो
शर्मसार हो क्यों ये ज़मीं चंद शोहदों के लिये
इन मज़हबी खेलों के सब किरदार पकड़ लो
क्यों चूसते हो तुम लहु, इन बेगुनाहों का
है माद्दा तो मुल्क के गद्दार पकड़ लो
चाहो अगर जो तुम, ये सूरत-ए-हाल बदलना
छोड़ो कलम, अब तुम भी तलवार पकड़ लो-
नियति नीति से पवित्र सरकार मिली
पहली बार बीमारी में सामान्य दवा मिली
भले गाड़ी इंजन इंधन पेट्रोल आदि सब पर पैसे बढ़े हो!
मोलतोल नहीं हुआ गरीबी अमीरी में सबको एक जैसी व्यवस्था मिली
रामराज्य आया इस सरकार में पहली बार भारत में कर्म अनुसार फल मिला
जो पहले सामर्थ्य वान को मिलता था अब सामान्य असामान्य सबको मिलता है!
माना कुछ कमी है नियम नीति में अभी एक दिन पवित्र मन के जरिए
आनंद मैं ' हरिद्वार विश्व भारत में सबको ब्रह्मानंद मिलेगा।-
मैं हिन्द की बेटी
सरफ़रोशी का ताज रखती हूँ
हृदय में प्रेम
म्यान में तलवार रखती हूँ-
नौकरी के चाल में हमने भी कई दाव खेला है।
हार कर भी हारने का हार पाया है।
निकाल उन कमियों को इस बार सुधारा है।
बाजी इस बार हाथ मे है बस उस तारीक का ऐलान होना है।-
हर आवाज में एक आवाज होनी चाहिए।
जिनके दरवाजे बंद है उनके भी खुलने चाहिए।
ये बात सिर्फ हमारी और तुम्हारी नही है....
जब बात हो संगठन की तब गूँज होनी चाहिए।
जब कोई दुश्मन या गद्दार देश को जलाता है।
उसके खिलाप देश को एकजुट होना चाहिए।
अब दुश्मन बाहर नही ..... अंदर है।
हम सभी को सतर्क रहना चाहिए।
ये आजादी हमे उपहार में नही मिली है।
बदले में कई माताओ ने अपने लाल को कुर्बान किया है।
हमे ये ना भुलाना चाहिए कि देश ने कीमत अदा की है।
उस कीमत का सम्मान हर नागरिक को करना चाहिए।
-
धरती हमारी स्वर्ग सी, वीरों की गाथा गाती है,
हिंदुस्तान के लिए शहीद हुए, उनके गीत सुनाती है |
बैर नहीं हमें किसी से, सबसे भाईचारा है,
इस धरती माँ के लिए जान न्योछावर कर देंगे,
ऐसा अपना नारा है |
गर्व है हमें उस धरती पर, जहाँ पर हमने जन्म लिया,
मर मिटेंगे तेरे लिए ऐसा हमने प्रण किया |
ऐसी पवित्र धरती को बारम्बार नमन है,
कितना सोना, कितना प्यारा, देखो अपना वतन है |
कितना सोना, कितना प्यारा, देखो अपना वतन है |
जय हिन्द!! 🙏
-
अपने धार्मिक शास्त्रों से और वर्तमान व्यवस्था से
ज्ञान अर्जित करो कुछ ऐसी व्यवस्था बनाओ जिससे युग निर्माण हो! ओर
जो कमी हम आज महसूस कर रहे हैं अपने देश में वह हमारे आर्य वर्त हिन्द भारत में किसी को ना हो जो हमारी आने वाली पीढ़ी है।
उनके लिए हमारा हिन्द भारत विश्व गुरु हों!
हमारा हिन्द भारत एक शिक्षक के रूप में उभरे
जिससे पूरा विश्व हिन्द भारत से शिक्षा लें।-